चक्रवाती तूफान यास’ के 26 मई की शाम तक पश्चिम बंगाल और समीपवर्ती उत्तरी ओडिशा के तटों तक पहुंचने की प्रबल संभावना है।
बंगाल की खाड़ी में उठने वाले तूफान से इस दौरान 155 से लेकर 165 किमी प्रति घंटे तक की प्रचंड गति से काफी तेज हवाएं चलने के साथ-साथ इन राज्यों के तटीय जिलों में भारी बारिश होने और तूफानी लहरें उठने की भी आशंका है।
चक्रवाती तूफान यास’ से निपटने के लिए कैबिनेट सचिव राजीव गाबा की अध्यक्षता में राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) ने आज 22 मई, 2021 को एक अहम बैठक की।
चक्रवाती तूफान ‘यास’ से निपटने के लिए केंद्र , राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों एवं एजेंसियों की तैयारियों की समीक्षा के लिए आयोजित की गई।
भारत मौसम विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक ने इस समिति को चक्रवाती तूफान की नवीनतम स्थिति के बारे में जानकारी दी जिसके 26 मई की शाम तक पश्चिम बंगाल और समीपवर्ती उत्तरी ओडिशा के तटों तक पहुंचने की प्रबल संभावना है। इस दौरान 155 से लेकर 165 किमी प्रति घंटे तक की प्रचंड गति से काफी तेज हवाएं चलने के साथ-साथ इन राज्यों के तटीय जिलों में भारी बारिश होने और तूफानी लहरें उठने की भी आशंका है।
संबंधित राज्यों के मुख्य सचिवों ने इस समिति को चक्रवाती तूफान से निपटने के उद्देश्य से की गई समस्त तैयारियों से अवगत कराया। इस पूरे क्षेत्र में स्थित निचले इलाकों से लोगों की निकासी का काम निरंतर किया जा रहा है।
खाद्यान्न, पेयजल एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए इनके पर्याप्त स्टॉक की व्यवस्था की गई है और इसके साथ ही बिजली एवं दूरसंचार जैसी आवश्यक सेवाओं को बनाए रखने के लिए आवश्यक इंतजाम किया गया है।
एनडीआरएफ ने 65 टीमों को तैनात/उपलब्ध कराया है एवं इसके साथ ही 20 और टीमों को अलग से तैयार रखा गया है। जहाजों एवं विमानों के साथ थल सेना, नौसेना और तटरक्षक बल के बचाव व राहत दलों को भी तैनात किया गया है।
अस्पतालों और कोविड देखभाल केंद्रों का निर्बाध संचालन सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक प्रबंध भी किए जा रहे हैं और इसके साथ ही देश भर में फैले कोविड केंद्रों के लिए ऑक्सीजन का उत्पादन एवं आपूर्ति भी सुनिश्चित की जा रही है।
केंद्र और राज्यों की विभिन्न एजेंसियों की तैयारियों की समीक्षा करते हुए राजीव गाबा ने विशेष जोर देते हुए कहा कि सभी उपाय समयबद्ध तरीके से किए जाने चाहिए, ताकि जान-माल का नुकसान कम से कम हो।
उन्होंने उन क्षेत्रों से लोगों की जल्द से जल्द निकासी करने पर विशेष जोर दिया जिनके चक्रवाती तूफान से प्रभावित होने का अंदेशा है। इसके साथ ही उन्होंने सभी नावों/जहाजों की तट पर वापसी सुनिश्चित करने को कहा, ताकि किसी की भी जिंदगी खतरे में न पड़े।
गाबा ने इस बात पर भी विशेष जोर दिया कि कोविड मरीजों की हिफाजत सुनिश्चित की जाए और कोविड अस्पतालों एवं केंद्रों के कामकाज में कोई भी व्यवधान आने से हर हालत में बचा जाए। उन्होंने यह भी सलाह दी कि चक्रवाती तूफान से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में ऑक्सीजन के उत्पादन के साथ-साथ वहां से देश के अन्य हिस्सों में इसकी आवाजाही को बनाए रखने के लिए समस्त ठोस कदम उठाए जाएं।
कैबिनेट सचिव ने यह भी कहा कि बिजली, दूरसंचार और अन्य जरूरी सेवाओं को तेजी से बहाल करने के लिए समस्त आरंभिक व्यवस्थाएं की जाएं। उन्होंने संबंधित एजेंसियों को आपस में पूरे तालमेल के साथ काम करने और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को सभी आवश्यक सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया।
इस बैठक में पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, अंडमान व निकोबार और पुडुचेरी के मुख्य सचिवों और अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में गृह, विद्युत, शिपिंग, दूरसंचार, पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस, नागरिक उड्डयन एवं मत्स्य पालन मंत्रालयों के सचिवों, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष, एनडीएमए के सदस्य सचिव, आईडीएस के प्रमुख और तटरक्षक बल, एनडीआरएफ एवं आईएमडी के महानिदेशकों ने भी भाग लिया।
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