चाय की खेती

चाय की खेती के लिए छत्तीसगढ़ के जशपुर में अच्छी संभावनाएं

चाय की खेती

छत्तीसगढ़ के वन विभाग के प्रमुख सचिव मनोज पिंगुआ अधिकारियों के साथ चाय बागान में

रायपुर, 18 अक्टूबर। चाय की खेती के लिए छत्तीसगढ़ के जशपुर में अच्छी संभावनाएं है और इसके मद्देनजर सरकार यहां चाय की खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रयास कर रही है।

इस ज़िले का सरुडीह चाय बागान लगभग 20 एकड़ क्षेत्र में फैला है, जहां वर्तमान में 18 किसानों को लाभ मिल रहा है।

जानकारों का कहना है कि सारुडीह में उत्पादित चाय की गुणवत्ता दार्जिलिंग में उत्पादित चाय से बेहतर है।

वन तथा वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव मनोज पिंगुआ ने आज जशपुर जिले के अंतर्गत सारुडीह चाय बागान का निरीक्षण किया।

सरूडीह में चाय बागान अनुपयोगी भूमि पर तैयार किया गया है, जो पहाड़ और जंगल के बीच है और हरियाली है कारण बहुत मनोरम हो गया है।

चाय की खेती करने वालों किसानों से बात की और उन्होंने चाय की गुणवत्ता, पैंकिंग और बनाने के विधि की जानकारी किसानों से ली।

चाय की खेती करने वाले  किसानों कों प्रोत्साहित करते हुए  उन्होंने कहा कि जशपुर में किसान कृषि के साथ -साथ  अन्य फसलों को अपनाकर अधिक से अधिक लाभ अर्जित कर सकते हैं।

चाय की खेती और चाय उत्पादन के मामले में छत्तीसगढ़ देश में 17 वें स्थान पर है।

छत्तीसगढ़ के सरगुजा में सोगरा आश्रम द्वारा लगभग छह साल पहले चाय की खेती का काम शुरू किया गया था।

आश्रम में एक प्रसंस्करण इकाई भी स्थापित की गई है।