चंडीगढ़, 05 जनवरी। हरियाणा के शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा ने कहा कि पंचायतीराज संस्थाएं विकास की प्रथम सीढ़ी होती हैं। प्रदेश के इतिहास में पहली बार शिक्षित पंचायतीराज संस्थाएं सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा कर गांवों के विकास को चार चांद लगाएंगी। इन संस्थाओं के चुनाव सम्पन्न होते ही समूचे प्रदेश में विकास कार्यों में तेजी लाई जाएगी और महेन्द्रगढ़ क्षेत्र में भी भरपूर विकास करवाया जाएगा। ये विचार शर्मा ने महेन्द्रगढ़ में विभिन्न गांवों से आए लोगों की समस्याएं सुनने उपरांत व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की सोच थी कि असली भारत गांवों में बसता है। उनकी इसी सोच के अनुरूप छत्तीस बिरादरी के सहयोग से स्पष्ट बहुमत से बनी भाजपा प्रदेश सरकार तेजी से हरियाणा को विकास एवं जन सुविधाओं के मामले में एक अग्रणी प्रदेश बनाने के लिए निष्ठा से कार्यरत है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने गुणवत्तायुक्त, मजबूत एवं टिकाऊ विकास देने के लिए विकास का खाका तैयार करके मास्टर प्लान के आधार पर विकासात्मक योजनाएं एवं नीतियां लागू करने का एक अभियान छेड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि अगले चार सालों के दौरान किया जाने वाला विकास 40 वर्षों पर भारी पड़ेगा।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि मौजूदा हरियाणा सरकार शहरों की भांति ही गांवों का विकास करने की पक्षधर है। इसके चलते ही सरकार ने पंचायतीराज संशोधन कानून-2015 पारित किया ताकि पढ़ी-लिखी पंचायतें अपने गांवों का समुचित तरीके से विकास करवा सकें।
उन्होंने कहा कि शिक्षित पंचायतीराज संस्थाएं सर्वांगीण विकास में मील का पत्थर साबित होंगी। इसी प्रकार प्रदेश में नगर निगम, नगर परिषद एवं नगरपालिका चुनाव में पार्षदों के लिए शिक्षा को अनिवार्य करने के लिए निकाय कानून में सरकार ने संशोधन किया है।
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