नई दिल्ली, 24 सितंबर | इस मौसम में होने वाले विभिन्न प्रकार के इंफेक्शन आजकल सुर्खियों में हैं। लोग मच्छरों के काटने से होने वाली बीमारियों जैसे डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया का सामना कर रहे हैं। बुखार, जोड़ो में और शरीर में लगातार दर्द होना इसके कुछ सामान्य लक्षण हैं। ये बीमारियां व्यक्ति को तकलीफ देने के साथ ही उसके स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित भी करती हैं। इन सब में त्वचा पर रैशेज होना आम बात है ।
वीनस क्लीनिक के त्वचा विशेषज्ञ डॉ. सी.एम गुरि का कहना है कि किसी भी प्रकार के वायरल इंफेक्शन में त्वचा पर रैशेज होना एक बेहद ही आम समस्या है और लगभग 80 प्रतिशत रोगियों में इस प्रकार की समस्या देखी जाती है। इस प्रकार के रैशेज आमतौर पर दो दिन के तेज बुखार के बाद नजर आने लगते हैं और पांच-आठ दिनों तक उसमें खुजली की समस्या भी रहती है। फिर ये खुद ही ठीक हो जाते हैं। लेकिन कुछ मामलों में लोग हाइपरपिगमेंटेशन और सन बर्न जैसी समस्याओं से बेहद गंभीर रूप से प्रभावित हो जाते हैं।
डॉ. गुरि ने यह भी बताया की चिकनगुनिया हाइपरपिगमेंटेशन का एक बड़ा कारण है तथा वो खुद 10-20 प्रतिशत इस प्रकार के मरीजों का इलाज कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि जिका वायरस के कारण होने वाले रैशेज उभरे हुए दानों की तरह होते हैं जो 2-3 दिनों में खुद ही ठीक जाते हैं। दूसरी ओर चिकनगुनिया की वजह से होने वाले रैशेज हाथ- पैर, गर्दन, कान इत्यादि पर होते हैं जबकी डेंगू में होने वाले रैशेज चेचक की तरह होते हैं।
डॉ रोहित बत्रा आपको कुछ ऐसे प्राकृतिक उपाय बता रहे हैं जो इस प्रकार के रैशेज से आपको काफी राहत देंगे :
* जितना हो सके धूप में जाने से बचने की प्रयास कीजिए और अगर धूप में जाना ही हो तो किसी अच्छी क्वालिटी के सन क्रीम का प्रयोग करें।
* किसी भी प्रकार के साइट्रस युक्त फल या खाद्य पदार्थ का सेवन नहीं करें।
* एंटी एलर्जिक दवाओं का सेवन करें इससे आपको त्वचा की रैशेज तथा खुजली से राहत मिलेगी।
* ओट्स में पाए जाने वाले पदार्थ रैशेज की समस्या से मुक्ति दिलाने में बहुत ही कारगर होते हैं। ओट्स में गरम पानी मिला कर पेस्ट बनाएं तथा इसे कम से कम 15 मिनट तक रैशेज पर लगा कर छोड़ दें इससे आपको काफी आराम मिलेगा।
* आप एलोवेरा का प्रयोग भी कर सकते हैं क्योंकि इसमें मौजूद तत्व जलन और सूजन से राहत देने के साथ ही हमारी त्वचा के लिए भी बहुत अच्छे होते हैं।
* एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव आयल को शहद के साथ मिला कर लगाने से त्वचा को नमी मिलती है।
* इन पर बर्फ के टुकड़े मलना बेहद कारगर हो सकता है, लेकिन हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि इसे कभी सीधे अपनी त्वचा पर नहीं लगाएं क्योंकि इससे आपकी त्वचा को नुकसान पहुंच सकता है।
इन उपायों के अलावा कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना बहुत आवश्यक है, जैसे अपने आस-पास सफाई रखें, कहीं भी पानी इकठ्ठा ना होने दें तथा रोग के लक्षणों को अनदेखा ना करें तथा फौरन डॉक्टर से संपर्क करें।
बस अब आप स्वास्थ्य की जंग के लिए पूरी तरह तैयार हैं। –आईएएनएस
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