बीजिंग, 12 अप्रैल | चीन का 80 प्रतिशत से ज्यादा भूजल प्रदूषित है और पीने योग्य नहीं है। ग्लोबल टाइम्स की मंगलवार की रपट के मुताबिक, जल संसाधन मंत्रालय ने सोमवार को प्रकाशित अपनी मासिक रपट में कहा है कि 2,103 कुओं में से 691 कुंओं का यानी 32.9 प्रतिशत पानी चतुर्थ श्रेणी का हो गया है, और 994 कुओं का यानी 47.3 प्रतिशत पानी पांचवीं श्रेणी का हो गया है। इसका अर्थ यह है कि 80 प्रतिशत से ज्यादा भूजल पीने योग्य नहीं बचा है।
पूर्वी चीन के जिलिन प्रांत के गंज़ू शहर के शांगबावो टाउनशिप में एक किसान पानी और मिट्टी को संरक्षित करने के लिए सीढ़ीदार खेतों में हल से खेती करता हुआ।
चीन के भूजल गुणवत्ता मानक के अनुसार, भूजल को पांच श्रेणियों में बांटा गया है।
चतुर्थ श्रेणी का पानी औद्योगिक और कृषि उपयोग के लिए उपयुक्त है, जबकि पांचवी श्रेणी के पानी को ‘पीने के अयोग्य’ बताया गया है।
रपट में यह भी स्पष्ट किया गया है कि नाइट्रेट प्रदूषण की समस्या बेहद गंभीर है और कुछ इलाकों में पानी भारी धातुओं और विषाक्त ऑर्गेनिक प्रदूषकों से दूषित है।
पूर्वोत्तर प्रांतों और मंगोलिया के अंदरूनी क्षेत्रों में स्थिति ज्यादा गंभीर है, जो पानी के लिए भूजल पर ही अधिक निर्भर हैं।
रपट के मुताबिक, ऐसे क्षेत्रों में 90 प्रतिशत से ज्यादा भूजल चतुर्थ या पांचवीं श्रेणी का है।
अप्रैल 2015 में चीन ने देश के पानी की गुणवत्ता को अगले पांच सालों में सुधारने के लिए एक कार्य योजना जारी की थी।
कार्ययोजना में 2020 तक चीन की सात प्रमुख नदियों के पानी की गुणवत्ता सुधारने, देशभर के खराब गुणवत्ता वाले भूजल की मात्रा 15 प्रतिशत तक सीमित करने और शहरों के 95 प्रतिशत पीने के पानी को सुरक्षित बनाने और उसकी गुणवत्ता सुधारने का लक्ष्य रखा गया है।
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