बीजिंग, 24 अक्टूबर | अमेरिकी राजदूत के अरुणाचल दौरे को लेकर चीन ने सोमवार को अमेरिका की खिंचाई की और नई दिल्ली एवं बीजिंग के बीच सीमा विवाद में हस्तक्षेप न करने की चेतावनी दी।
भारत में अमेरिकी रातदूत रिचर्ड वर्मा के चीन सीमा से सटे अरुणाचल में तवांग दौरे के बाद बीजिंग ने कहा कि इस तरह की कार्रवाई से दो देशों के बीच विवाद और जटिल बन जाएगा, क्षेत्र में शांति भंग होगी।
फोटो : भारत में अमेरिकी राजदूत रिचर्ड वर्मा ,असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री खांडू तवांग पेमा –आईएएनएस
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लु कांग ने एक नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा, “आप लोगों ने भी गौर किया है कि वरिष्ठ राजनयिक अधिकारी ने जिस जगह का दौरा किया वह चीन और भारत के बीच विवादित क्षेत्र है।”
चीन भारत के पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश के एक बड़े भू-भाग पर दावा करता है, जिसे वह दक्षिणी तिब्बत के रूप में पुकारता है। एक समारोह में भाग लेने के लिए वर्मा तवांग गए थे।
लु ने कहा, “हम अमेरिका से अनुरोध करते हैं कि वह चीन और भारत के बीच सीमा विवाद में नहीं पड़े और क्षेत्रीय शांति व स्थिरता के प्रति और अधिक प्रतिबद्धता जताए।”
लु ने कहा कि भारत और चीन के बीच सीमा का मुद्दा जटिल और संवेदनशील है और एक तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप से तनाव बढ़ेगा।
लु इस बात पर कायम रहे कि पूर्वी क्षेत्र को लेकर चीन का रुख स्पष्ट और सुसंगत है।
चीनी प्रवक्ता ने कहा, “दोनों देश वार्ता और विचार विमर्श के जरिए विवाद सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं। किसी तीसरे पक्ष को जिम्मेवारी का बोध होना चाहिए और समझौता एवं शांति के लिए चीन और भारत द्वारा किए गए प्रयासों का सम्मन करना चाहिए, न कि ठीक इसके विपरीत काम करना चाहिए।”
लु ने कहा कि अमेरिका का व्यवहार चीन और भारत के प्रयासों के विपरीत है।
उन्होंने आगे कहा, “अंत में केवल दोनों देशों देशों के लोग पीड़ित होंगे। हम मानते हैं कि विवाद को ठीक ढंग से सुलझाने के लिए भारत और चीन के पास विवेक है।”
गौरव शर्मा===
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