कोलकाता, 7 मई | विदेश राज्य मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वी.के.सिंह ने शनिवार को कहा कि भारत ने चीन के समक्ष चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) का मुद्दा उठाया है और उसकी प्रतिक्रिया का इंतजार है। मंत्री ने कहा, “इस परियोजना (सीपीईसी) के साथ एक बड़ी समस्या है। यह भारत की धरती से होकर गुजरता है।”
उन्होंने यह बात रिसर्च सेंटर फॉर ईस्ट एंड नॉर्थ ईस्ट रिजनल स्टडीज, कोलकाता द्वारा आयोजित सम्मेलन ‘इंडिया-चाइना रिलेशंस-द फ्यूचर’ से इतर कही।
सिंह ने कहा, “हमने मुद्दे को उठाया है, जिस पर चीन को विचार करने की जरूरत है। हम इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि चीन इसके बारे में क्या कहता है।”
उन्होंने हालांकि कहा कि इस बात की कोई समय-सीमा नहीं है कि चीन कब जवाब देगा।
राज्यसभा में एक लिखित जवाब में मंत्री ने हाल में कहा था कि चीन सीपीईसी के विकास में पाकिस्तान की मदद कर रहा है। उन्होंने कहा, “सीपीईसी के तहत कुछ प्रस्तावित परियोजनाएं पाकिस्तान के कब्जे वाली कश्मीर में पड़ती हैं।”
पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एम.के.नारायणन ने भी सीपीईसी को भारत के लिए एक बड़ा खतरा करार दिया।
उन्होंने कहा, “सीपीईसी को बड़े खतरे के तौर पर देखा जाना चाहिए। दोनों देशों (चीन व पाकिस्तान) का साझा उद्देश्य क्षेत्र में भारत को नुकसान पहुंचाना है।”
उन्होंने आगे कहा कि चीन के ‘वन बेल्ट, वन रोड’ (ओबीओआर) योजना से भारत व चीन के संबंधों पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।
नारायणन ने कहा, “चीन की ओबीओआर योजना से भारत व चीन के संबंधों पर सबसे प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।” –आईएएनएस
फाईल फोटो: वी.के.सिंह।
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