भोपाल, 27 जून (जनसमा)। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि चीन में मध्यप्रदेश को लेकर समझ बढ़ी है। अभी तक तमिलनाडु और गुजरात जैसे औद्योगिक रूप से अग्रणी राज्यों का नाम था। अब मध्यप्रदेश को भी निवेश के सर्वाधिक उपयुक्त राज्य के रूप में पहचाना जा रहा है। चीन और भारत के बीच संबंध मजबूत होंगे और व्यापारिक संबंधों में आपसी समझ बढ़ेगी।
शिवराज ने रविवार को यहाँ अपनी छह दिवसीय चीन यात्रा से लौटकर मीडिया को संबोधित करते हुए बताया कि चीन के राष्ट्रपति की भारत यात्रा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की चीन यात्रा से दोनों देश में आपसी समझ बढ़ी है और नया रिश्ता बना है। परस्पर संबंध मजबूत हो रहे हैं। शिवराज ने कहा कि चीन और भारत दोनों देश के राज्यों के बीच संवाद होना चाहिये। साथ ही निवेश संबंध भी बढ़ना चाहिये।
मुख्यमंत्री ने अपनी यात्रा का ब्यौरा देते हुए कहा कि भारत सरकार के विदेश मंत्रालय और इंटरनेशनल डिपार्टमेंट सेंटर कमेटी, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के बीच एक्सचेंज प्रोग्राम के अंतर्गत यह यात्रा अत्यंत सफल रही। उन्होंने कहा कि भाजपा और कम्युनिस्ट पार्टी के बीच संवाद के संबंध में भी चर्चा हुई। बीजिंग, ग्वांगजो और शेनजेन राज्यों के चेंबर आफ कामर्स के बीच भी विस्तार से निवेश और व्यापारिक संबंधों को लेकर चर्चा हुई।
शिवराज सिंह चौहान ने एनएसजी के संबंध में भारत का विरोध करने को लेकर कहा कि भारत के बाजार को देखते हुए चीन में भारत से संबंध बनाने की ललक है। उन्होंने कहा कि चीन की सरकार के स्तर पर भी बातचीत का दौर शुरू हुआ है। दोनों देश के अपने-अपने राष्ट्रीय हित हैं। चीन साढ़े पाँच करोड़ लोगों को गरीबी की रेखा से ऊपर लाना चाहता है। दोनों देश के लोग परस्पर एक दूसरे के देश आना-जाना शुरू करें।
उन्होंने कम्युनिस्ट पार्टी के अंतर्राष्ट्रीय विभाग के मंत्री और वरिष्ठ राजनयिक सांग ताओ एवं कम्युनिस्ट पार्टी के सचिवालय के और पोलित ब्यूरो के सदस्य झाओ लेजी से मुलाकात की चर्चा करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश के साथ जुड़ने की संभावनाओं पर चर्चा हुई। छात्रों के अकादमिक आदान-प्रदान और चेंबर आफ कामर्स के बीच परस्पर सहयोग के मुद्दों पर चर्चा हुई। उन्होंने बताया कि व्यापारिक सेमीनार में करीब 175 कंपनियों ने भाग लिया। स्वदेश लौटते समय हांगकांग में इंडियन चेम्बर ऑफ कॉमर्स द्वारा ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2016 को पार्टनर के बतौर प्रोत्साहित करने को लेकर समझौता हुआ।
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