नई दिल्ली, 20 मार्च (जनसमा)। चुनाव सुधार के लिए राजनीतिक दलों के साथ चुनाव आयोग की बैठक सम्पन्न होगई। इसमें सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। निर्वाचन आयोग ने चुनाव सुधार और चुनाव के आयोजन से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श के लिए रविवार को सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य राजनैतिक दलों के साथ बैठक की। इस बैठक में सभी 6 राष्ट्रीय दलों और 29 राज्य दलों ने भाग लिया।
बैठक में जिन मुद्दों पर विचार-विमर्श हुआ उनमें ईवीएम पर वोटों की गिनती के लिए टोटेलाइजर का उपयोग शामिल है। टोटेलाइजर के उपयोग का लाभ यह है कि किन्हीं विशेष मतदान केंद्रों में मतदान के रूख का खुलासा नहीं होगा, क्योंकि टोटेलाइजर के माध्यम से प्रदर्शित किए गए परिणाम मतदान केंद्रों के समूह में दिए गए मतों का ही परिणाम होंगे। राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के सामने टोटेलाइजर के कामकाज का प्रदर्शन भी किया गया।
जिन महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया उनमें से कुछ इस प्रकार हैं-
(i) किसी बहुचरण वाले चुनाव में जब एक चरण का मतदान होने में 48 घंटे शेष हों और जब खुले अभियान और इलैक्ट्रोनिक मीडिया पर चुनाव सामग्री का प्रदर्शन करने पर आरपी अधिनियम 1951 की धारा 126 के तहत प्रतिबंध हो तो मतदान अभियान गतिविधियों के प्रसारण पर किसी प्रतिबंध पर विचार करने की जरूरत/वांछनीयता।
(ii) उम्मीदवार की आय के श्रोत की घोषणा के कालम को शामिल करने के लिए शपथ पत्र के प्रारूप में संशोधन ।
(iii) मतदान वाले दिन चुनाव मशीनरी द्वारा वितरित की जा रही मतदाता पर्चियों के वितरण को ध्यान में रखते हुए मतदान केंद्रों के पास उम्मीदवार/ दलों की उपस्थिति की वर्तमान पद्धति को जारी रखने की जरूरत।
(iv) चुनाव अभियान संबंधित भाषणों और प्रवचनों में कुछ मानकों को बनाए रखने की जरूरत।
(v) उम्मीदवारों की सुरक्षा जमा राशि में बढ़ोतरी करना।
इस बैठक में मौजूद राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने अपने-अपने राजनैतिक दलों के ओर से की ओर से महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए। इन पर उचित कार्यवाही के लिए आयोग द्वारा विधिवत विचार किया जाएगा।
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