मोनिका चौहान===
नई दिल्ली, 2 जुलाई | भारतीय पुरुष हॉकी टीम के मुख्य कोच रोलेंट ओल्टमैंस का कहना है कि चैम्पियंस ट्रॉफी में रजत पदक जीतना भारतीय हॉकी के लिए ऐतिहासिक पल है। भारत को अब अगस्त में रियो ओलम्पिक में हिस्सा लेना है।
टूर्नामेंट में पहली बार रजत पदक जीतने के संदर्भ में पूछे गए सवाल की प्रतिक्रिया में ओल्टमैंस ने यह भी कहा कि खिलाड़ी अपने लक्ष्य में सफल रहे हैं और उन्होंने इसमें काफी अच्छा प्रदर्शन दिया।
ओल्टमैंस ने ई-मेल के जरिए साक्षात्कार में आईएएनएस को बताया, “चैम्पियंस ट्रॉफी में रजत पदक जीतना भारतीय हॉकी के लिए एक ऐतिहासिक पल है। खिलाड़ियों ने अपने लक्ष्य को हासिल करने के क्रम में काफी अच्छा प्रदर्शन किया और हम इस फार्म को आगे ले जाना चाहेंगे तथा बेहतर प्रदर्शन के लिए और भी कड़ी मेहनत करेंगे।”
भारतीय टीम ने 1928 से 1956 तक ओलम्पिक खेलों पर राज किया था। टीम ने विजयी क्रम जारी रखते हुए छह स्वर्ण पदक हासिल किए थे।
इससे पहले 1982 में हुए चैम्पियंस ट्रॉफी भारतीय टीम ने कांस्य पदक हासिल किया था। रियो ओलम्पिक खेलों में ओल्टमैंस से जब उनकी योजनाओं के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, “इसके लिए कुछ खास योजनाएं नहीं हैं। हर मैच महत्वपूर्ण है और अगर हम इसी फार्म के साथ खेलते रहे, तो टीम कुछ भी हासिल कर सकती है।”
उन्होंने कहा, “हम विशेष रूप से ओलम्पिक को ध्यान में रखकर कोई योजना नहीं बना रहे हैं। हम केवल अपने लक्ष्य पर एकाग्र रूप से डटे रहते हुए सकारात्मक भाव से ओलम्पिक में कदम रखना चाहते हैं। यह हमारे लिए एक बहुत बड़ा इवेंट है और हमारे जहन में अरबों आशाएं हैं। आशा है कि हम राष्ट्र को गौरवांन्वित करते हुए पदक के साथ भारत लौटें।”
चैम्पियंस ट्रॉफी के लिए भारतीय दल की कमान स्टार गोलकीपर पी.आर. श्रीजेश को दी गई थी, जबकि वर्तमान कप्तान सरदार सिंह को आराम दिया गया था। हालांकि, स्पेन के वालेंसिया में हो रहे छह देशों के हॉकी टूर्नामेंट में सरदार के साथ-साथ रुपिंदर पाल सिंह और बिरेंद्र लाकड़ा की वापसी हुई है।
ओल्टमैंस से जब पूछा गया कि उन्हें जीत हासिल करने के लिए खिलाड़ियों से किस त्याग की उम्मीद है? उन्होंने कहा, “जीतने के लिए आपको किसी चीज का बलिदान देने की जरूरत नहीं। यह सब सही संतुलन बनाए रखने से संबंधित है। हम एक समय पर एक कदम आगे बढ़ाते हुए चलना और हर दिन अपना बेहतरीन प्रदर्शन देना चाहेंगे।”
भारतीय हॉकी टीम के मुख्य कोच का मानना है कि टीम अभी सही राह पर है, लेकिन हमेशा सीख लेते रहना और स्वयं को और अधिक बेहतर करना जरूरी है।
इस वर्ष अगस्त में ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में होने वाले ओलम्पिक खेलों में भारतीय हॉकी टीम के पदक जीतने की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर ओल्टमैंस ने कहा, “वर्तमान में देखी जा रही खिलाड़ियों की फार्म से मैं निश्चित तौर पर कह सकता हूं कि हम पदक के साथ देश वापस लौटेंगे। हम हर दिन अपने खेल के हर पहलू पर काम कर रहे हैं और मैच की तैयारियों को देखते हुए ओलम्पिक खेल काफी महत्वपूर्ण हैं और हम एक बड़े स्तर पर पहचान बनाने के लिए साथ मिलकर काम कर रहे हैं।”
ओल्टमैंस ने कहा कि इस वक्त टीम को खेल में बदलाव करने के की जरूरत नहीं है, बल्कि खिलाड़ियों को मानसिक संतुलन को बनाए रखने की जरूरत है। —आईएएनएस
(फाइल फोटो)
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