रायपुर, 15 जुलाई (जनसमा)। भू-जल का उपयोग निरंतर किये जाने से भू-जल स्तर में लगातार गिरावट हुआ है। इस गिरते भू-जल स्तर को बढ़ाने के लिए विभिन्न उपाय किए जा सकते हैं। जल है तो कल है की कहावत को चरितार्थ करते हुए जल संरक्षण मानव जीवन के लिए महत्वपूर्ण है। वर्तमान में बडे़ पैमाने पर जल के दोहन ने गंभीर स्थिति निर्मित कर दिया है। विकास और पर्यावरण के लिए जल आवश्यक है। जल का दोहन सही तरीके से कर के इसे बचाया जा सकता है।
जल संरक्षण के लिए इसी तरह का कार्य कर दिखाया डॉ. भीमराव अंम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय के चिकित्सकों ने। चिकित्सालय में पानी की कमी से ना केवल कार्यालयीन कर्मचारी अपितु इस चिकित्सालय में स्वास्थ लाभ के लिए आने वाले पीड़ितों को भी पानी की समस्या से जुझना पड़ता था। गर्मी से पूर्व ही चिकित्सालय में भीषण जल संकट प्रारंभ हो जाता था। गर्मी के दिनों में स्थिति और भयवाह हो जाता था। पानी की व्यवस्था के लिए अन्य स्त्रोंतो से व्यवस्था कर काम चलाया जाता था।
जिलाधीश के निर्देश पर इस जल संकट से उबरने के लिए जिला चिकित्सालय परिसर में वर्षा के जल को संग्रहीत करने के लिए वाटर हार्वेस्टिंग लगाया गया है। रेन वाटर हार्स्वेस्टिंग की स्थापना से चिकित्सालय परिसर में पानी की आपूर्ति निर्बाध रूप से होने लगी। वर्षा के जल का संरक्षण कर गिरते भू-जल स्तर मे सुधार होने से चिकित्सालय में गर्मी के दिनों में पानी की समस्या से पूर्णतः मुक्ति मिल गई।
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