एटिंगा, 23 जुलाई | वेस्टइंडीज के खिलाफ यहां जारी पहले टेस्ट में शतक लगाने वाले भारतीय टीम के ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने छठे बल्लेबाज के तौर पर भेजे जाने के लिए कप्तान विराट कोहली और मुख्य कोच अनिल कुंबले का शुक्रिया अदा किया है। अश्विन ने टेस्ट मैच के दूसरे दिन अपने टेस्ट करियर का तीसरा शतक जड़ा। उन्होंने अभी तक अपने तीनों शतक वेस्टइंडीज के खिलाफ ही लगाए हैं।
अश्विन को कोहली और कुंबले ने विकेटकीपर बल्लेबाज रिद्धीमान शाह के ऊपर तरजीह देते हुए बल्लेबाजी करने भेजा था।
अश्विन ने 253 गेंदों में 113 रनों की पारी खेली थी और कोहली (200) के साथ पांचवें विकेट के लिए 168 रनों की साझेदारी कर टीम को 566 रनों के मजबूत स्कोर तक पहुंचाने में मदद की थी। भारत ने आठ विकेट पर 566 रन के स्कोर पर शुक्रवार को अपनी पहली पारी घोषित कर दी।
अश्विन ने दूसरे दिन का खेल खत्म होने के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, “मैं हमेशा शीर्ष सात बल्लेबाजी क्रम में उतरना चाहता था। यह मेरा बहुत दिनों से सपना था। जिसे पाने के लिए मैंने बेहतर प्रदर्शन करने की कोशिश की।”
उन्होंने कहा, “मैं इसके लिए कुंबले और विराट का आभारी हूं जिन्होंने मुझ पर भरोसा जताया और मुझे छठे क्रम पर बल्लेबाजी करने भेजा। पहले ऐसा हुआ है कि मैंने अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन मुझे ऊपर आने का मौका नहीं मिला। यह बात मेरे बारे में काफी कुछ बयां कर देती है।”
अश्विन ने कहा, “कोहली ने सुबह मुझे बताया कि तुम नंबर-6 पर बल्लेबाजी करोगे, शाह से पहले। इससे मेरा बल्लेबाजी में आत्मविश्वास काफी बढ़ा। मैं अपने कोच के साथ पिछले एक महीने से इस पर काफी मेहनत कर रहा था। मैंने जिस तरह का प्रदर्शन किया उससे मैं काफी खुश हूं।”
चेन्नई के इस स्पिन गेंदबाज ने बताया कि बल्लेबाजी कोच संजय बांगर ने किस तरह उनके बल्लेबाजी स्टांस और दूसरी तकनीकी खामियों को सुधारने में मदद की।
उन्होंने कहा, “पहली बात कि बांगर ने पिछले 12 महीनों में मेरे बल्ला पकड़ने की स्टाइल के ऊपर काफी काम किया। यह मेरे लिए चुनौती भरा रहा। मुझे खुद को साइड-ऑन दिशा में थोड़ा और खिसकना पड़ा और खुद को थोड़ा और खोलना पड़ा। यह बदलाव काफी काम आया। मैंने काफी लंबे समय से स्ट्रेट ड्राइव नहीं लगाई थी। यह एक सबूत है।”
अश्विन ने अभी तक वेस्टइंडीज के खिलाफ ही तीनों शतक लगाए हैं। जब उनसे पूछा गया कि क्या वह वेस्टइंडीज के खिलाफ बल्लेबाजी करना पसंद करते हैं।
उन्होंने कहा, “यह इसलिए कि मुझे उनके खिलाफ बल्लेबाजी करने का ज्यादा समय मिला। मैं जब भी बल्लेबाजी करने गया तब मेरे साथ कोई न कोई बल्लेबाज था। हर बार मैंने शतक बनाया। एक बार मेरे साथ रोहित शर्मा थे और फिर विराट और इस बार भी विराट। यह निचले क्रम के बल्लेबाज के लिए महत्वपूर्ण होता है।” –आईएएनएस
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