रायगढ़, 1 जनवरी। संपूर्ण छत्तीसगढ़ में सूरज की आलोक यात्रा का प्रवेश द्वार है रायगढ़। रायगढ़ प्रदेश का वह आंगन है जिस पर संपूर्ण छत्तीसगढ़ में सूरज की किरणें सबसे पहले रोशनी की रंगोली सजाती हैं। कुछ इसी तरह रायगढ़ जिला छत्तीसगढ़ की धरती पर अपनी विकास की सुन्दर रंगोली सज्जित करता है।
छत्तीसगढ़ राज्य के विकास की बढ़ते कदमों के साथ रायगढ़ जिले के कदम भी साथ-साथ आगे बढ़े हैं। पुरातनकालीन शैलचित्रों एवं मंदिरों के कारण जहां जिले की अपनी एक खास पहचान है तो दूसरी तरफ तीव्र औद्योगिकीकरण की ओर यह बढ़ता हुआ जिला है। अपने गर्भ में अकूत वन संपदा व खनिज संपदा को समेटे हुए रायगढ़ जिले ने विकास के कई शानदार मुकाम हासिल किए हैं।
केलो डेम- रायगढ़ जिले में केलो वृहद सिंचाई परियोजना के नाम से केलो डेम का निर्माण 598 करोड़ रुपए की लागत से कराया गया है। इसकी कुल सिंचाई क्षमता 57 हजार 25 एकड़ है। मुख्य केनाल का निर्माण पूरा करा लिया गया है। वितरिका नहरों के निर्माण का 70 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। यह कार्य मार्च 2016 तक पूरा कराए जाने का लक्ष्य है।
इस वृहद सिंचाई परियोजना से रायगढ़ जिले के 167 गांव तथा जांजगीर-चाम्पा जिले के 8 गांव इस प्रकार कुल 175 गांव में सिंचाई के लिए जलापूर्ति हो सकेगी। केलो डेम से रायगढ़ शहर में पेयजल की आपूर्ति के लिए 4.44 मिलियन घन मीटर तथा औद्योगिक प्रयोजन के लिए 4.44 मिलियन घन मीटर पानी भी सुरक्षित रखे जाने का प्रावधान है।
मेडिकल कालेज- रायगढ़ शहर को चिकित्सा महाविद्यालय की सौगात मिली है। इस महाविद्यालय में बीते सत्र से अध्ययन-अध्यापन शुरू हो चुका है। चिकित्सा महाविद्यालय भवन, प्रशासनिक भवन सहित 500 बिस्तर चिकित्सालय, 150 सीटर नर्सिंग हास्टल एवं 250 सीटर छात्रावास का निर्माण 116 करोड़ रुपए की लागत से कराया जा रहा है। स्व. लखीराम अग्रवाल के नाम पर इस चिकित्सा महाविद्यालय का नामकरण किया गया है।
सूरजगढ़ में महानदी पर बना प्रदेश का सबसे लम्बा पुल- छत्तीसगढ़ राज्य का सीमावर्ती जिला रायगढ़ और इस जिले के सीमावर्ती गांव सूरजगढ़ के समीप से बहने वाली महानदी पर बना है छत्तीसगढ़ राज्य का सबसे लम्बा पुल। 56 करोड़ 47 लाख रुपए की लागत से लगभग एक वर्ष पूर्व बनकर तैयार हुए इस पुल की लंबाई 1830 मीटर है। यह पुल छत्तीसगढ़ राज्य और उड़ीसा प्रांत को सडक़ मार्ग से जोडऩे का माध्यम बन चुका है। इस पुल के बन जाने से एक ओर जहां रायगढ़ जिले के सरिया इलाके के सैकड़ों गांव के ग्रामीणों का पुसौर सहित जिला मुख्यालय रायगढ़ आना-जाना आसान हुआ है वहीं रायगढ़-पुसौर होते हुए अब इस पुल के जरिए आसानी से सरिया और उड़ीसा जाया जा सकता है।
मांडनदी में धरमजयगढ़-दुर्गापुर बोरो मार्ग स्थित मांड नदी पर 240 मीटर लम्बा उच्च स्तरीय पुल का निर्माण कराया गया है। इस पुल के निर्मित हो जाने से इस क्षेत्र के 13 गांव जिसमें तराईमाल, दुर्गापुर, बायसी, उदउदा, जबगा, बोरो, सांगरा, नैनार, जमरगी, कोयलार, सहसपुरी और सिरकी के ग्रामीणजन विकास की मुख्य धारा से जुड़ गए है।
जिला ग्रंथालय का जीर्णोद्धार- रायगढ़ शहर के पुरातत्व संग्रहालय का जीर्णोद्धार एवं साज-सज्जा का कार्य 40 लाख रुपए की लागत से एवं शहर में पाठकों की सुविधा के लिए जिला ग्रंथालय का उन्नयन एवं जीर्णोद्धार का कार्य 60 लाख रुपए की लागत से कराया गया है। जिला ग्रंथालय के पुराने भवन के भू-तल के कक्षों की साज-सज्जा के साथ ही इसके प्रथम तल पर 200 वर्गफीट का एअर कंडीशनर लाईब्रेरी हाल बनाया गया है। जहां एक साथ 60 लोग बैठक पत्र-पत्रिकाओं का अध्ययन कर सकते हैं।
सरोवर हमारी धरोवर- सरोवर-धरोहर योजनान्तर्गत शहर के मध्य स्थित गणेश तालाब एवं जयसिंह तालाब का जीर्णोद्धार एवं सौंदर्यीकरण का कार्य कराकर इन दोनों तालाबों को एक नया जीवन दिया गया है। दोनों तालाबों के चारों ओर पाथवे का निर्माण, गार्डनिंग, पिचिंग एवं पैराफीटवाल का निर्माण के साथ ही तालाबों के मध्य रंग-बिरंगे फौव्वारें लगाए गए हैं।
स्वास्थ्य- रायगढ़ जिले में स्वास्थ्य सुविधा को बेहतर बनाने के लिए आवश्यक अधोसंरचना का निर्माण कराया गया है जिसमें उप स्वास्थ्य केन्द्र भवन, स्वास्थ्य केन्द्रों में प्रसूति गृह का निर्माण, सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन का उन्नयन व स्टाफ क्वार्टर शामिल हैं।
जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत संस्थागत प्रसव के स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। इस योजनान्तर्गत अब तक एक लाख से अधिक महिलाओं को लाभान्वित किया जा चुका है। स्वास्थ्य बीमा योजना का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया गया है। स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहतर व्यवस्था से जिले में शिशु एवं मातृ मृत्यु दर में कमी आई है। मातृ मृत्यु दर प्रति हजार 395 से घटकर 176 तथा शिशु मृत्यु दर प्रति हजार 61 से घटकर 49 हुई है।
शिक्षा गुणवत्ता अभियान- जिले में अब्दुल कलाम शिक्षा गुणवत्ता अभियान के अंतर्गत सी और डी केटेगिरी की 982 शालाओं में अध्ययन-अध्यापन की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों को मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी दी गई है। जिला प्रशासन द्वारा जिले में धान की खरीदी की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करने के साथ ही गड़बड़ी की रोकथाम के लिए कड़े उपाय किए गए हैं।
जिला स्तरीय अधिकारियों को सीमावर्ती सोसायटियों में निगरानी के लिए नोडल अधिकारी बनाया गया है। ऐसी समितियां जहां पिछले सालों में धान खरीदी में गड़बड़ी तथा शार्टेज की शिकायत पाई गई है, वहां धान खरीदी तथा व्यवस्था पर निगरानी के लिए पृथक से अधिकारी तैनात किए गए हैं।
संवेदनशील प्रशासन- रायगढ़ जिला प्रशासन जन सामान्य की समस्याओं को लेकर बेहद संजीदगी से काम कर रहा है। आम जनता की समस्याओं और शिकायतों की सुनवाई एवं उसके त्वरित निदान को जिला प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल करने वाली संवेदनशील कलेक्टर श्रीमती अलरमेलमंगई डी ने अपनी पदस्थापना के साथ ही जिला जनदर्शन की शुरूआत की।
प्रत्येक मंगलवार को कलेक्टर जनदर्शन का यह कार्यक्रम सृजन सभाकक्ष में आयोजित होता है जहां बड़ी संख्या में जिले से लोग अपनी समस्याओं एवं शिकायतों को लेकर कलेक्टर से रूबरू होते हैं। इस दौरान सभी विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी भी मौजूद होते हैं। शिकायतों एवं समस्याओं के त्वरित एवं प्रभावी निदान से आम जनता का भरोसा शासन-प्रशासन पर कायम हुआ है। इसके अलावा सुदूर वनांचल के गांवों में महीने में दो बार जिला स्तरीय जन समस्या निवारण शिविर के माध्यम से भी जन शिकायतों के निवारण की प्रभावी पहल लगातार जारी है।
उल्लेखनीय कार्य- केलो नदी के खर्राघाट पर 6.90 करोड़ की लागत से उच्च स्तरीय पुल का निर्माण कराया गया। जिले के किसानों को खेती-किसानी एवं आदान सामग्री के लिए 121 करोड़ रुपए का ऋण मुहैय्या कराया गया। जिले में बीते खरीफ सीजन में 5 लाख 26 हजार 666 टन धान की खरीदी समर्थन मूल्य पर की गई और इसके एवज में किसानों को 690 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया।
रायगढ़ जिले में अब तक 12084 वनवासियों को वन भूमि अधिकार उपभोग पत्र दिया जा चुका है। जिले में 66 लघु सिंचाई योजनाओं, एक मध्यम सिंचाई योजना तथा केलो डेम के निर्माण से जिले की सिंचाई क्षमता 17 प्रतिशत से बढक़र 32 प्रतिशत हो गई है। रायगढ़ जिले के खरसिया-भूपदेवपुर से धरमजयगढ़ तक 72 किलो मीटर तक विशेष रेल लाईन परियोजना (रेल कारिडोर) के निर्माण तेजी से कराया जा रहा है।
रायगढ़ जिले के सभी गांव का मिसल रिकार्ड ऑनलाईन मिलने लगा है। नक्शा की कम्प्यूटरीकृत प्रति भी खातेदारों को देने की शुरूआत हुई है। अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण एवं सरगुजा एवं उत्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के जनसुविधा के कार्य निरंतर कराए जा रहे हैं। शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने के लिए आधारभूत सुविधाओं में बढ़ोत्तरी के साथ ही शाला भवनों का निर्माण अनवरत रूप से जारी है।
रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ विकास खण्ड के ग्राम जमरगा एवं लैलूंगा विकास खण्ड के ग्राम झगरपुर में 35-35 लाख रुपए की लागत से कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय भवन का निर्माण कराया गया। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के अंतर्गत अब तक जिले में 57 नवीन हाईस्कूल भवन के निर्माण की स्वीकृति दी गई है।
जिले में आवागमन की सुविधा के लिए प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ योजना अंतर्गत एवं मुख्यमंत्री सडक़ योजनान्तर्गत लगभग 500 ग्रामीण सडक़ों का निर्माण कराया गया है। जिले के ग्रामीण इलाकों में पेयजल की सुविधा के लिए 14312 हैण्डपंप, 171 जल प्रदाय तथा 157 नल-जल योजना संचालित हैं।
कलेक्टर अलरमेलमंगई डी का मानना है कि छत्तीसगढ़ राज्य में हो रहे चहुंमुखी विकास के क्रम में रायगढ़ जिले का भी अपना रोशनीभरा योगदान है। प्रशासन जनहित और लोक कल्याणकारी कार्यों के प्रभावी क्रियान्वयन तथा बहुआयामी विकास के लिए सदैव प्रतिबद्ध है।
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