रायपुर, 31 मार्च। छत्तीसगढ़ सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से प्रदेश की 11 से 18 वर्ष आयु की नौ लाख बालिकाओं को पूरक पोषण आहार वितरित जा रहा है। इनमें प्रदेश के 10 जिलों क्रमशः रायपुर, गरियाबंद, बलौदाबाजार, राजनांदगांव, रायगढ़, सरगुजा, बलरामपुर, सूरजपुर, जगदलपुर और कोंडागांव में संचालित सबला योजना की चार लाख बालिकाएं शामिल हैं, जबकि प्रदेश के शेष 17 जिलों में राज्य सरकार अपने वित्तीय संसाधनों से किशोरी बालिकाओं को सबला योजना की तरह पूरक पोषण आहार एवं अन्य सेवाएं प्रदान कर रही है। सबला योजना में होने वाले व्यय का 50 प्रतिशत केन्द्र सरकार और 50 प्रतिशत राशि राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाता है।
महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने बताया कि किशोरी बालिकाओं में रक्त अल्पता (एनिमिया) और अन्य पोषण संबंधी कमियों को दूर करने के लिए पूरक पोषण आहार वितरित करने के अलावा अन्य संदर्भ सेवाएं आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से प्रदान की जा रही है।
सबला योजना में 11 से 14 वर्ष आयु की शाला त्यागी एवं 14 से 18 वर्ष की सभी किशोरी बालिकाओं को पूरक पोषण आहार और अन्य सेवाएं-बालिकाओं के स्वास्थ्य की जांच, आईएफए टेबलेट, स्वास्थ्य एवं पोषण शिक्षा, बाल देख-रेख पद्धतियां, गृह प्रबंधन और जीवन कौशल शिक्षा विषय सहित विभिन्न विषयों पर प्रशिक्षण दिया जाता है।
सबला योजना के तहत सितम्बर 2015 की स्थिति में राज्य के दस जिलों की करीब चार लाख बालिकाओं को लाभान्वित किया गया। शेष 17 जिलों में किशोरी बालिकाओं के लिए पूरक पोषण आहार, प्रशिक्षण और अन्य गतिविधियों हेतु राज्य की निधि से राशि व्यय की जा रही है। इस योजना में 17 जिलों की 11 से 14 वर्ष आयु की शाला त्यागी और 14 से 18 वर्ष आयु की शाला जाने वाली एवं शाला त्यागी लगभग पांच लाख किशोरी बालिकाओं को लाभान्वित किया जा रहा है।
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