रायपुर, 25 जनवरी। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से आज सवेरे यहां उनके निवास पर राज्य वीरता पुरस्कार के लिए चयनित बहादुर बच्चों ने मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने बच्चों के वीरतापूर्ण कार्यों की प्रशंसा करते हुए उन्हें उज्जवल भविष्य के लिए आशीर्वाद प्रदान किया। महिला एवं बाल विकास मंत्री रमशिला साहू भी इस अवसर पर उपस्थित थीं। गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजधानी रायपुर के पुलिस परेड मैदान में आयोजित राज्य स्तरीय मुख्य समारोह में इन बच्चों को नगद पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने बच्चों से उनके साहसिक कार्यों के बारे में जानकारी ली और उनका उत्साह बढ़ाया। उन्होंने बच्चों से मेहनत और लगन से पढ़ाई करने की समझाईश दी। मुख्यमंत्री ने वीरता पुरस्कार के लिए चयनित सभी बच्चों की शिक्षा के लिए बेहतर व्यवस्था करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।
रायगढ़ जिले के बरमकेला विकासखण्ड के ग्राम कंचनपुर के सात वर्ष के मास्टर कमलेश प्रधान ने मुख्यमंत्री को 24 का पहाड़ा धाराप्रवाह सुनाया। कमलेश कक्षा दूसरी के छात्र हैं। उन्हें 40 तक का पहाड़ा याद है। कमलेश की प्रतिभा से प्रभावित मुख्यमंत्री ने दूरभाष पर कलेक्टर रायगढ़ से बात की और उनसे मास्टर कमलेश की पढ़ाई के लिए बेहतर व्यवस्था करने के निर्देश दिए। मास्टर कमलेश प्रधान के पिता गाड़ाराय प्रधान ने मुख्यमंत्री को बताया कि वे खेती-किसानी करते हैं। कमलेश ने एक बच्चे को गरम राख के ढेर में फंसे बच्चे को जलने से बचाया।
वीरता पुरस्कार के लिए चयनित कमार विशेष पिछड़ी जनजाति की बालिका कुमारी अमृका कमार के बारे में जब मुख्यमंत्री को जानकारी मिली कि अमृका के पिता की मृत्यु हो चुकी है, अमृका अपनी मां के साथ रहती हैं, तो मुख्यमंत्री ने महासमुंद कलेक्टर से दूरभाष पर चर्चा करके अमृका की पढ़ाई की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। अमृका महासमुंद जिले के बागबाहरा विकासखण्ड के ग्राम खल्लारी की रहने वाली हैं। अमृका ने दो वर्षीय बालिका को कुंए में डूबने से बचाया है।
बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के ग्राम धनगांव के संदीप कुमार कविराज ने अपने पिता को भालू के हमले से सुरक्षित बचाया, पिता के प्राण बचाने के लिए संदीप द्वारा भालू पर आघात किए गए, बाद में भालू की मृत्यु हो गयी। संदीप कुमार पर वन अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज होने की जानकारी मिलने पर मुख्यमंत्री ने बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के कलेक्टर को प्रकरण के निराकरण के निर्देश दिए।
बेमेतरा जिले के बेरला विकासखण्ड के ग्राम हरदी निवास बालक तुषार वर्मा ने अपने घर के कोठार में लगी आग बुझा कर मवेशियों का जीवन बचाया। बालोद जिले के गुरुर विकासखण्ड के ग्राम पेण्डरवनी निवासी कुमारी यामिनी साहू ने बिजली के करंट की चपेट में आये अपने छह वर्षीय भाई को त्वरित निर्णय लेकर बचाया।
मुख्यमंत्री ने बच्चों के इन साहसिक कार्यों की प्रशंसा की। बच्चों के अभिभावक भी उनके साथ थे।
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