छत्तीसगढ़ के लगभग 46 लाख ग्रामीण परिवारों को मिलेगा पट्टा

रायपुर, 28 जून (जनसमा)। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की घोषणा के अनुरूप राजस्व विभाग ने छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में पुरानी आबादी जमीन का सर्वेक्षण करने, नये भू-अभिलेख तैयार करने और भू-खण्ड धारकों को निःशुल्क पट्टा दिए जाने के लिए समयबद्ध कार्यक्रम तैयार कर लिया है।

विभाग द्वारा इस सिलसिले में संचालक भू-अभिलेख सहित प्रदेश के समस्त संभागीय आयुक्तों और जिला कलेक्टरों को यहां मंत्रालय (महानदी भवन) से परिपत्र जारी कर दिया है। मुख्यमंत्री आबादी पट्टा योजना के तहत जिलेवार ग्रामीण परिवारों की अनुमानित संख्या के आधार पर 45 लाख 76 हजार 500 परिवारों को पट्टे देने का लक्ष्य है।

परिपत्र के अनुसार मुख्यमंत्री आबादी पट्टा योजना के तहत राज्य में आबादी जमीन के सर्वेक्षण और नक्शा तथा मेन्टेनेंस खसरा तैयार करने और भू-अभिलेखो को अंतिम रूप देने के लिए इस वर्ष 30 अक्टूबर तक समय-सीमा तय की गई है। आबादी जमीन के पट्टा वितरण का विशेष अभियान इस वर्ष राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर एक नवम्बर 2016 से शुरू किया जाएगा।

एक वर्ष का यह अभियान 31अक्टूबर 2017 तक चलेगा। आबादी जमीन के सर्वेक्षण, भू-अभिलेख निर्माण और पट्टा वितरण के लिए प्रदेश के हर गांव में तहसीलदार द्वारा एक राजस्व प्रकरण पंजीबद्ध किया जाएगा और सर्वेक्षण से लेकर वितरण तक सम्पूर्ण कार्रवाई उसी प्रकरण में की जाएगी।

सर्वेक्षण के बाद तैयार किए जाने वाले भू-अभिलेख और नक्शें का प्रारंभिक प्रकाशन कर ग्रामवासियों से दावे और आपत्तियां प्राप्त की जाएंगी, जिन्हें ग्राम सभाओं में आम जनता के बीच पढ़कर सुनाया जाएगा। प्राप्त दावों और आपत्तियों का निराकरण करने के बाद भू-अभिलेख और नक्शों को अंतिम रूप दिया जाएगा। उसी अंतिम अभिलेख के आधार पर पट्टा वितरण किया जाएगा।