रायपुर, 06 जून (जनसमा)। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री अमृत योजना के प्रथम चरण में प्रदेश कीे 220 एकीकृत बाल विकास परियोजनाओं में से 138 परियोजनाओं के आंगनबाड़ी केन्द्रों में लगभग चार लाख बच्चों को मीठा, पौष्टिक और सुगंधित दूध दिया जा रहा है। यह योजना प्रदेश के बच्चों को कुपोषण से बचाने और उनके भावी जीवन को स्वस्थ बनाये रखने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा शुरू की गई है।
महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव सोनमणि बोरा ने सोमवार को यहां बताया कि छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जिसने अपने बच्चों के कुपोषण मुक्त और स्वस्थ जीवन के लिए इस प्रकार की योजना शुरू की है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने लोक सुराज अभियान के दौरान लगभग सवा महीने पहले 29 अप्रैल को सुकमा जिले से इस योजना की शुरूआत की थी। योजना के तहत आंगनबाड़ी केन्द्रों में तीन वर्ष से छह वर्ष आयु समूह के बच्चों को सप्ताह में एक दिन सोमवार को यह दूध पिलाया जा रहा है।
सोनमणि बोरा ने बताया कि आज सोमवार को प्रदेश के 138 परियोजना क्षेत्रों के आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों को दूध पिलाया गया। संबंधित परियोजना क्षेत्रों में वहां के जिला कलेक्टरों तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के मैदानी अधिकारियों ने आंगनबाड़ी केन्द्रों में जाकर बच्चों, उनके अभिभावकों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के सामने सबसे पहले स्वयं दूध को चखकर दिखाया और उसके बाद बच्चों को दूध वितरित किया गया। स्वयं विभाग के सचिव बोरा ने रायपुर जिले के तीन आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों के सामने दूध चखकर उन्हें अपने हाथों से दूध वितरित किया।
बोरा ने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के निर्देश पर महिला एवं बाल विकास मंत्री रमशीला साहू सहित विभाग के संचालक और सभी जिलों के कलेक्टर, जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी इस योजना की लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को दूध के पैकेटों के सुरक्षित रख-रखाव के निर्देश दिए गए हैं।
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