रायपुर, 12 मई | 44 डिग्री सेल्सियस की तपती दोपहरी में चमकते आसमान से अचानक उम्मीदों की आवाज आती है। कहर बरसाती सूरज की तपिश के बावजूद नजरें यकायक आसमान की ओर उठ जाती हैं। गड़गड़ाहट तेज होती है, धड़कनें बढ़ती हैं औ कुछ क्षण बाद उम्मीदों का पंख लगाए मुख्यमंत्री का उड़नखटोला गांव से होकर गुजर जाता है।
फोटोः डॉ. रमन सिंह ग्रामीणों से बातचीत करते हुए।
लोगों की उम्मीद एक बार फिर सबल हो उठती है और आसमान की ओर आस लगाए सोचता हैं, काश ये उड़नखटोला हमारे गांव में उतर जाए। देखते ही देखते उड़नखटोला गांव के सरहद पर मंडराता है और उतरने लगता है। ग्रामीणों में उत्सुकता का माहौल, एक उम्मीद और विश्वास की किरण हर किसी के मन में प्रस्फुटित होता है।
धूल भरी आंधी और तेज हवाओं के स्थिर होते ही एक दमकता हुआ चेहरा नजर आता है। आसमान से उतरा हुआ उम्मीदों का फरिश्ता कोई और नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ के मुखिया डॉ. रमन सिंह होते हैं।
उम्मीदों और विश्वास के माहौल में लोगों की अपलक निहारते नजरें मुखिया पर टिकी रहती हैं, उन्हें लगता है आज कोई सपना साकार हुआ है। जी हां, लोक सुराज अभियान के दौरान यही नजारा और उत्सुकता देखने को मिलती है।
जिस सादगी और आत्मीयता के साथ मुख्यमंत्री रमन सिंह लोगों से मिलते हैं और उनके बीच उनकी बोली में संवाद करते हैं, वह लोगों के दिल में उतर जाता है। मुख्यमंत्री से दुख-दर्द बांटने वालों में समाज के अंतिम वर्ग के व्यक्ति से लेकर गांव के मुखिया, युवा और नेतृत्वकर्ता सहित सभी वर्ग के लोग भी रहते हैं।
मुख्यमंत्री को अपने बीच पाकर लोगों की उम्मीद और हौसला दोनों बढ़ जाते हैं। पेशे से डॉक्टर रहे मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह लोगों की नब्ज को बखूबी जानते हैं। जरूरत के मुताबिक अपने पिटारा में सौगात लेकर चलते हैं, किसी को नाउम्मीद नहीं करते।
बीते 9 मई को गरियाबंद जिले के मैनपुर विकासखंड के आदिवासी ग्राम बोईरगांव में पहुंचे मुख्यमंत्री को देखकर ग्रामीणों के खुशी का ठिकाना नहीं रहा। चौपाल में ग्रामीणों ने दिल खोलकर अपनी बात रखी। पंचायत के तीन आश्रित ग्राम डुमरघाट, ठेमली और पर्थी में बिजली पहुंचाने के आदेश पर लोगों के मन में खुशी का करंट बहने लगा।
बहुप्रतिक्षित मांग पूरा होने पर मुख्यमंत्री को लोगों ने हृदय से साधुवाद दिया। ग्राम ठेमली के शिवकुमार, पर्थी के कोमल, डुमरघाट के बंशीराम, भक्तिराम, बरदुला के जबल सिंह, कमलेश, रहिमत बाई और बोईरगांव के सुखमती बाई ने मुख्यमंत्री के इस घोषणा की जमकर सराहना की।
उन्होंने एक स्वर में कहा- ‘अब हमर गांव में उजाला आही, हमर भाग जागही’।
डॉ. रमन सिंह द्वारा इन आदिवासी गांवों में बिजली पहुंचाने का आदेश वास्तव में अंधेरे से उजाले की ओर बढ़ता कदम है। इस फैसले से लोगों के जीवन में उजाला आएगा। इसी तरह इस दूरस्थ अंचल में कमार और भुंजिया विद्यार्थी के लिए हॉस्टल की स्वीकृति, भविष्य की नींव को मजबूत करेगा।
सरगुजा से सुकमा तक के दूरस्थ अंचलों में इस तरह के संवेदनशील निर्णयों से मुख्यमंत्री जनता के दिलों-दिमाग में छाए हुए हैं और उम्मीद की लौ जला रहे हैं। ग्रामीणजन कहते हैं, मुख्यमंत्री देवदूत बनकर आते हैं, खुशियां लुटाते हैं और विश्वास की एक नई अलख जगा देते हैं।
लोक सुराज अभियान वास्तव में एक उम्मीद और नए विश्वास का अभियान है।
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