छत्तीसगढ़ में शिक्षा गुणवत्ता में सुधार के लिए शाला निरीक्षण के निर्देश

रायपुर, 30 जनवरी। छत्तीसगढ़ में प्रदेशव्यापी डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम शिक्षा गुणवत्ता अभियान के तहत द्वितीय चरण के स्कूल निरीक्षण का कार्य 11 जनवरी से शुरू हो गया है। शासन के निर्देशानुसार शाला निरीक्षण का यह कार्य 31 जनवरी तक हर हालत में पूर्ण किया जाना है।

राज्य शासन द्वारा निरीक्षण के दौरान बच्चों की शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के साथ ही स्कूलों में विभिन्न प्रतियोगिताओं के आयोजनों का भी निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं। निरीक्षण के दौरान ऐसी प्रतियोगिताओं में बच्चों को सहभागिता बढ़ाने के उन्हें प्रोत्साहित भी करने के निर्देश दिए गए हैं।

निरीक्षणकर्ताओं को देखना है कि स्कूल में सभी बच्चों को विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके तहत स्कूलों को चाहिए कि वहां नियमित रूप से विभिन्न खेल, सांस्कृतिक प्रतियोगिताएं आयोजित कर अधिक से अधिक बच्चों को उसमें भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करें। यह भी पता करें कि स्कूल बच्चों को विभिन्न प्रतियोगिताओं में शामिल होने के लिए बाहर भेजती हैं।

निरीक्षणकर्ता स्कूल में विज्ञान, गणित तथा टेक्नॉलाजी के उपयोग को प्रोत्साहित करने वाले विभिन्न गतिविधियों की भी जानकारी लेंगे। इसी तरह यह भी निरीक्षण करेंगे कि शाला में निरीक्षण पंजी उपलब्ध हो, जिसमें बाहर से अधिकारी शाला का अवलोकन कर अपनी टीप लिख सकें। इनमें शाला को चाहिए कि टीप के अनुसार सुधार के लिए आवश्यक कार्रवाई करें।

इसके अलावा सहायक शिक्षण सामग्री के अंतर्गत देखें कि शिक्षक द्वारा अपने पाठ को रोचक तथा सरल बनाने के लिए कुछ सामग्री का उपयोग कर सिखाने का प्रयास हो रहा है। सहायक शिक्षण सामग्री के निर्माण में समुदाय तथा बच्चों का सहयोग लिया गया है और इनका बेहतर उपयोग हो रहा है। शिक्षक द्वारा शिक्षण योजना में उपयोग में लाई जाने वाली सहायक सामग्री का विवरण दिया गया हो और बच्चों को भी उनके समक्ष विकसित करने के अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं।