रायपुर, 28 मई (जनसमा)। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने खुशी जताते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ राज्य में हाथ से और सिर पर मैला ढोने की सामाजिक बुराई अब पूरी तरह समाप्त हो गई है। पिछले दो साल में ऐसा एक भी प्रकरण सामने नहीं आया है। डॉ. रमन सिंह ने अधिकारियों को फर्जी जाति प्रमाण पत्रों के मामलों का निराकरण एक महीने के भीतर सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है। डॉ. सिंह ने शनिवार को यहां मंत्रालय (महानदी भवन ) में आयोजित राज्य स्तरीय सतर्कता एवं मॉनिटरिंग कमेटी की बैठक में विचार-विमर्श के बाद इस आशय के निर्देश दिए। डॉ. सिंह ने बैठक में मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा ऋण ब्याज अनुदान योजना, अंत्योदय स्वरोजगार योजना, आदिवासी वित्त एवं विकास निगम की स्वरोजगार योजना सहित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की गई।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि अनुसूचित जातियों और जनजातियों के आवेदकों को विभिन्न शासकीय योजनाओं के तहत यदि बैंकों द्वारा लक्ष्य का 75 प्रतिशत ऋण वितरित नहीं किया जाएगा तो ऐसे बैंकों में शासकीय योजनाओं की राशि राज्य सरकार द्वारा जमा नहीं की जाएगी। डॉ. रमन सिंह ने मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा ऋण ब्याज अनुदान योजना के तहत इन वर्गो के युवाओं को अधिक से अधिक संख्या में ऋण सुविधा दिलाने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि कॉलेजों में दाखिले के समय होने वाली काउंसिलिंग के दौरान इन युवाओं को इस महत्वपूर्ण योजना की भी जानकारी दी जाए।
डॉ. रमन सिंह ने रेल्वे की जमीनों पर बनी बस्तियों में शौचालय निर्माण में आ रही तकनीकी दिक्कतों के निराकरण के लिए संबंधित जिलों में कलेक्टर की अध्यक्षता में समन्वय समिति बनाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि समन्वय समिति में नगरीय निकायों के निर्वाचित पदाधिकारियों सहित स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों और रेल्वे के अधिकारियों को भी शामिल किया जाए।
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