रायपुर, 25 सितम्बर (जस)। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत श्रमिकों को अब उनकी मजदूरी का भुगतान केन्द्र सरकार द्वारा उनके बैंक खातों में किया जाएगा। इसके लिए केन्द्र द्वारा आगामी 17 अक्टूबर से छत्तीसगढ़ सहित देश के ग्यारह राज्यों के लिए नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड मैनेजमेंट सिस्टम शुरू किया जा रहा है। इस प्रणाली में मनरेगा श्रमिकों की मजदूरी सीधे केन्द्रीय खाते से पब्लिक फंड मैनेजमेंट सिस्टम के जरिए क्रेडिट कर दी जाएगी।
केन्द्र द्वारा 17 अक्टूबर के बाद संबंधित राज्यों को केवल सामग्री और प्रशासकीय मद की राशि दी जाएगी। यह जानकारी शनिवार को यहां छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव विवेक ढांड की अध्यक्षता में मंत्रालय (महानदी भवन) में आयोजित मनरेगा की राज्य स्तरीय सशक्त समिति की बैठक में दी गई। ढांड ने अधिकारियों को इस नई व्यवस्था के लिए सभी तकनीकी तैयारी जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग द्वारा दिए गए प्रस्तुतिकरण में बताया गया कि मजदूरी भुगतान की इस नई प्रणाली पर अमल करने के लिए विभाग द्वारा एक अलग बैंक खाता राजधानी रायपुर स्थित भारतीय स्टेट बैंक की कचहरी शाखा में खोला जा चुका है। प्रस्तुतिकरण में यह भी बताया गया कि केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा मनरेगा के कार्यों की सतत निगरानी के लिए जियो-मनरेगा प्रणाली शुरू की गई है।
इसमें मनरेगा के तहत होने वाले निर्माण कार्यों के फोटोग्राफ्स सीधे एक विशेष मोबाइल एप्प पर अपलोड करने का प्रावधान किया गया है। यह मोबाइल एप्प राष्ट्रीय दूरसंवेदी भू-उपग्रह केन्द्र (नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर) द्वारा बनाया गया है। इस मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए फोटोग्राफ्स ’भुवन पोर्टल’ पर अपलोड किए जा रहे है।
Follow @JansamacharNews