छत्तीसगढ़ में जंगली हाथियों से बचाव और हाथी विचरण की सूचना ग्रामीणों तक पहुंचाने के लिए हाथी अलर्ट ऐप का उपयोग किया जा रहा है।
गौरेला पेंड्रा मरवाही, 15 सितंबर। राज्य शासन द्वारा वनांचल क्षेत्रों में हाथियों द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में घुसने और जान-माल की क्षति पहुंचाने की घटनाओं पर अंकुश लगाने तथा हाथी विचरण की सूचना ग्रामीणों तक पहुंचाने के लिए ’’हाथी अलर्ट ऐप’’ का उपयोग किया जा रहा है।
मरवाही वन मंडल में नव पदस्थ वन मण्डलाधिकारी शशि कुमार ने बताया कि हाथी एवं मानव संघर्ष पर नियंत्रण के लिए एनीमल अलर्ट एप्लीकेशन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
इस ऐप का उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा ग्रामीणों तक जंगली हाथियों के विचरण की सूचना पहुंचाना और जनहानि पर अंकुश लगाना है।
वन मण्डलाधिकारी ने बताया कि छत्तीसगढ़ पशु ट्रैकर और अलर्ट ऐप के जरिए हाथियों की गतिविधियों का विवरण (स्थान, झुंड, तिथि, व्यवहार, आदि) संबंधित हाथी मित्र दल (हाथी देखने वाले) द्वारा ओपन सोर्स ऐप पर दर्ज किया जाता है जो ऑफलाइन मोड में भी काम करता है।
हाथियों के स्थान के आधार पर एआई का उपयोग करके हाथी के स्थान के 10 किलोमीटर के भीतर स्थित ग्रामीणों को वास्तविक समय के आधार पर कॉल एसएमएस, बजर अलर्ट भेजे जाते है।
ऐप उपयोगकर्ता किसी भी समयावधि में हाथियों के झुंड की गतिविधियों को ट्रैक कर सकते हैं, जो पर्यावास सुधार कार्यों की योजना बनाने और मानव-हाथी संघर्ष को रोकने में सहायक है।
वन विभाग तीन महीने से उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व में इस ऐप का सफलता पूर्वक उपयोग कर रहा है और जल्द ही इस ऐप को पूरे राज्य में लागू किया जाएगा।
अगले चरण में एप को जुड़े सायरन सिस्टम के जरिए भी ग्रामीणों तक अलर्ट पहुंचाया जाएगा।