भोपाल, 19 जनवरी। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश दिये हैं कि हरियाली महोत्सव को जन-अभियान के रूप में मनायें। इस बार अभियान में प्रदेश में लगभग 8 करोड़ पौधे लगाये जायेंगे। मुख्यमंत्री चौहान मंगलवार को वन विभाग की समीक्षा बैठक ले रहे थे। बैठक में वन मंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार और मुख्य सचिव अंटोनी डिसा भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि हरियाली महोत्सव में सड़कों के किनारे, नहरों-तालाबों के किनारे और खेतों की मेढ़ों पर पौधे लगाये जायें। इस कार्यक्रम में ग्राम पंचायतों और नगरीय निकायों की भागीदारी रहे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के हरित वन क्षेत्र की मेपिंग करें और कार्बन क्रेडिट का लाभ लें। अवैध वन कटाई के मामले में कड़ी कार्रवाई करें।
किसानों द्वारा लगाये गये बाँसों के विपणन की व्यवस्था होगी
बाँस शिल्पियों को उनकी जरूरत के अनुसार बाँस उपलब्ध करवायें। बाँस उत्पादों के निर्माण से रोजगार उपलब्ध करवायें। किसानों के खेतों में लगाये गये बाँसों की विपणन की व्यवस्था करवायें। इसमें किसानों द्वारा उत्पादित बाँस को वन विभाग खरीद कर बाँस शिल्पियों को उपलब्ध करवायेगा। किसानों को बेहतर बाँस उत्पादन का प्रशिक्षण दिया जायेगा।
मुख्यमंत्री चौहान ने वन विभाग द्वारा वन्य-प्राणी पुनस्थापन के लिये किये गये कार्यों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय वन्य-उद्यानों को और विकसित कर पर्यटकों को आकर्षित करने की रणनीति बनायें। बैठक में वन्य-प्राणियों की सूची में नील गाय का नाम जोड़ने पर सहमति बनी।
मुख्यमंत्री ने बैठक में निर्देश दिये कि वर्ष 2006 तक वन भूमि पर कब्जे वालों को वनाधिकार-पत्र उपलब्ध करवायें तथा वन भूमि पर नये कब्जे नहीं होने दें। वन और राजस्व विभाग के सीमा विवाद के मामले सुलझाने की कार्रवाई करें।
वन मंत्री डॉ. शेजवार ने कहा कि जिन पौधों की प्रजातियाँ लुप्त हो रही हैं उनके इस वर्ष से अतिरिक्त पौधे तैयार किये जायेंगे। विभाग द्वारा दी जाने वाली नागरिक सेवाओं को सरल बनाया जा रहा है।
भोपाल में वन अकादमी स्थापित होगी
बैठक में बताया गया कि वन विभाग द्वारा भोपाल में वन अकादमी की स्थापना का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। तेन्दूपत्ता संग्राहकों, बाँस उत्पादकों और संयुक्त वन प्रबंध समितियों का सम्मेलन भोपाल में अगले माह किया जायेगा। तेन्दूपत्ता संग्राहकों को वर्ष 2015 में 152 करोड़ 47 लाख रूपये का पारिश्रमिक भुगतान किया गया है।
वन्य प्राणी पुनस्थापन में वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में 7, सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान में 22 बारहसिंघा, बाँधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान में 50 गौर तथा रालामण्डल, रातापानी अभयारण्य और संजय टाईगर रिजर्व में 52 चीतल का पुनस्थापन किया गया है। प्रदेश में पहली बार गिद्धों की गणना की जा रही है।
बैठक में प्रमुख सचिव वन दीपक खांडेकर, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव एस.के. मिश्रा, प्रधान मुख्य वन संरक्षक नरेन्द्र कुमार सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
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