नई दिल्ली, 27 जनवरी (जनसमा)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज मंत्रालयों के कामकाज की समीक्षा बैठक में उन अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए जो जन शिकायतों की उपेक्षा करते हैं। इतना ही नहीं उन्होंने एक निगरानी तंत्र बनाने के लिए भी निर्देश दिया ताकि लोक शिकायतों पर कारगर ढंग से फैसला लिया जासके। इससे जन शिकायतों की उपेक्षा करने वाले बाबुओं पर शिकंजा कसेगा।
प्रधानमंत्री ने उन सभी सचिवों से आग्रह किया, जिनके विभाग व्यापक जन-संपर्क से जुड़े हैं कि वे शिकायतों की उच्च स्तरीय निगरानी के लिए फौरन प्रणाली स्थापित करें। आईसीटी आधारित सक्रिय शासन एवं समयबद्ध क्रियान्वयन संबंधी बहुकोणीय मंच ‘प्रगति’ के जरिए अपने 9वें संवाद कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
उन्होंने सीमा शुल्क और उत्पाद क्षेत्र संबंधी लोगों की शिकायतों पर कड़ा रुख अपनाते हुए आदेश दिया कि जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
अपनी समीक्षा के दौरान प्रधानमंत्री ने सड़क, रेल, कोयला, बिजली और नवीनकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों संबंधी सभी महत्वपूर्ण संरचना परियोजनाओं की समीक्षा की। ये परियोजनाएं महाराष्ट्र, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और राजस्थान जैसे विभिन्न राज्यों में फैली हैं।
आज जिन महत्वपूर्ण परियोजनाओं की समीक्षा की गई उनमें मुंबई ट्रांस-हार्बर लिंक, दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारा और इलाहाबाद से हल्दिया तक जलमार्ग विकास परियोजना शामिल है।
प्रधानमंत्री ने उज्ज्वल डिस्कॉम एश्योरेंस योजना (उदय) की प्रगति की भी समीक्षा की। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय वृद्ध जन पेंशन योजना के कार्यान्वयन की समीक्षा की और इस बात पर जोर दिया कि लाभार्थियों को समय पर भुगतान होना चाहिए।
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