मधुबनी (बिहार), 17 मई | जरा सोचिए, यह नजारा कैसा लगेगा कि देवी सीता की जन्मस्थली मिथिला के सैकड़ों लोग पाग पहनकर शपथ लेने की मुद्रा में खड़े हों और अपने स्वाभिमान की रक्षा के लिए एक साथ सड़क पर मार्च करने निकल पड़े हों। ऐसा ही नजारा देखा गया बिहार के मधुबनी शहर में 8 मई को। वही मधुबनी, जहां की चित्रकला विदेशों तक में मशहूर है।
जाति-धर्म और वर्ग के बंधनों को तोड़ते हुए जिस तरह से सैकड़ों की संख्या में सभी समुदाय के लोग सड़क पर आए, वह अतुलनीय था। यह मौका था मिथिलालोक संस्था की तरफ से आयोजित कार्यक्रम ‘पाग बचाउ अभियान’ का, जिसमें मिथिला के इतिहास में पहली बार बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतरकर इस पाग मार्च में शामिल हुए।
मिथिला में पाग को आमतौर पर जाति और वर्ग विशेष से जोड़कर देखा जाता रहा है, लेकिन मिथिलालोक फाउंडेशन और डॉ. बीरबल झा के अगुआई में आयोजित ‘पाग बचाउ अभियान’ में जातिगत बंधन को तोड़ते हुए सभी वर्गो के लोगों के सिर पर पाग देकर सम्मानित किया गया।
डॉ. झा ने कहा, “मिथिला को सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए मिथिलालोक इस अभियान को सार्थक बनाने का अथक प्रयास कर रही है।”
इस अभियान की शुरुआत 28 फरवरी, 2016 को दिल्ली के राजेंद्र भवन से की गई थी। यह अभियान अपने दूसरे चरण में मिथिला पहुंचा, जहां 8 मई को मिथिला के मधुबनी से इस अभियान का विधिवत शुभारंभ किया गया।
इस आयोजन में बिहार के पूर्व शिक्षा सह कला संस्कृति मंत्री और वर्तमान विधान पार्षद राम लखन राम ‘रमन’ सहित कई गणमान्य अतिथियों ने भाग लिया। रमन की अगुआई में कार्यक्रम में पहुचे सैकड़ों की संख्या में लोगों को पाग से सम्मानित किया गया।
उपस्थित लोगों को बेनीपट्टी के पूर्व विधायक सह बिहार भाजपा के मुख्य प्रवक्ता विनोद नारायण झा, मधुबनी के विधान पार्षद सुमन महासेठ, राजनगर से विधायक और बिहार विधानसभा के शून्यकाल के सभापति रामप्रीत पासवान, मधुबनी के विधायक समीर महासेठ, सूबे के पूर्व मंत्री तथा पूर्व विधायक राजकुमार महासेठ ने वहां उपस्थित लोगों को पाग पहनाकर सम्मानित किया।
पाग से सम्मानित किए जाने के इस कार्यक्रम के बाद राम लखन रमन की अगुआई में उपस्थित अतिथि और कार्यक्रम में आए लोगों ने लगभग डेढ़ किलोमीटर तक पाग मार्च कर लोगों को अपने सभ्यता एंव संस्कृति के प्रति जागरूक किया।
कार्यक्रम के संबंध में मीडिया से बात करते हुए मिथिलालोक के चेयरमैन डॉ. बीरबल झा ने कहा कि संस्था मिथिला के आर्थिक एवं सामाजिक समरसता के साथ-साथ लोगों को स्वरोजगार देने की दिशा में कई सारे प्रोजेक्ट पर काम कर रही है।
झा ने कहा कि पाग बचाउ अभियान के साथ संस्था लोगों को सांस्कृतिक रूप से जोड़कर लोगों को एक साथ समूह में लाना चाहती है, ताकि मिथिला का चहुंमुखी विकास हो सके।
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