इस्लामाबाद, 4 फरवरी | आतंकवादी संगठन जमात-उद-दावा और उसके प्रमुख हाफिज सईद पर नकेल कसने के कुछ दिनों बाद यह संगठन एक नए नाम तहरीक आजादी जम्मू एंड कश्मीर (टीएजेके-मूवमेंट फॉर फ्रीडम ऑफ कश्मीर) नाम से सामने आया है। प्रशासन की निगरानी सूची में होने के बावजूद इस संगठन ने नियमित गतिविधयां फिर से शुरू कर दी है।
फाइल फोटो : आतंकवादी संगठन जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद –आईएएनएस
इस संगठन के अनुदान शिविरों और एंबुलेंस केंद्रों ने लाहौर और अन्य जिलों में जम्मू एवं कश्मीर की आजादी की मांग करने वाले बैनरों के तहत काम करने शुरू कर दिए हैं।
इन केंद्रों को हाफिज सईद और उसके चार साथियों की नजरबंदी के बाद 30 जनवरी को बंद कर दिया गया था। हाफिज सईद पर शांति एवं सुरक्षा को बाधित करने के आरोप लगे हैं। प्रशासन ने जमात और इसकी धर्मार्थ इकाई फला-ए-इंसानियत फाउंडेशन के बैनर और प्लेकार्ड हटा दिए थे।
ये सभी केंद्र तीन दिन बंद रहने के बाद दोबारा खुल गए हैं, लेकिन इन पर जेयूडी या एफआईएफ के बैनर या अन्य प्लेकार्ड नहीं लगे हैं। ये केंद्र शाहदरा चौक, मून मार्किट और इकबाल में स्थित है और टीएजेके के नाम से संचालित हैं। अनुदान पेटियां और एंबुलेंस पहले की तरह लगा दी गई हैं।
जमात और एफआईएफ ने नासिर बाग में जुहर की नमाज के बाद पांच फरवरी यानी कश्मीर दिवस के दिन सम्मेलन आयोजित करने की भी योजना बनाई है।
एफआईएफ के स्वयंसेवियों ने नानकाना साहिब में बचाव अभियान में भी हिस्सा लिया, जहां शुक्रवार को एक नौका पलट गई थी। उसमें क्षमता से अधिक 100 लोग सवार थे।
हाफिज सईद के नेतृत्व वाले लश्कर-ए-तैयबा पर 14 जनवरी 2002 को प्रतिबंध लगाने के बाद यह जमात-उद-दावा के नाम से वजूद में आया। जमात और एफआईएफ 17 जनवरी 2007 से निगरानी सूची में हैं। –आईएएनएस
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