जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) हिंसा के कुचक्र से बाहर निकल कर स्थिरता की तरफ बढ़ रहा है। जम्मू-कश्मीर की जनता में एक नयी आशा जगी है, नया आत्मविश्वास आया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने यह बात आज 24 जून, 2021 को नई दिल्ली में अपने निवास पर जम्मू-कश्मीर के सभी नेताओं के समक्ष कही और आश्वासन दिया कि सरकार जम्मू-कश्मीर के विकास और बेहतर भविष्य के लिए प्रतिबद्ध है।
जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir ) के सभी राजनीतिक दलों के 14 नेताओं के साथ साढ़े तीन घंटेे तक प्रधानमंत्री ने चर्चा की । बैठक में गुपकार गठबंधन में शामिल नेशनल कांफ्रेंस के नेता डॉक्टर फारूख अब्दुला और उमर अब्दुल्ला, कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता महबूबा मुफ्ती, गृहमंत्री अमित शाह, जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, जम्मू कश्मीर भाजपा प्रदेश इकाई के अध्यक्ष रविन्द्र रैना और पीपुल्स कांफ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन शामिल हुए।
पांच अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 की कई उपधाराओं को खत्म करने के केन्द्र के फैसले के बाद कश्मीर के नेताओं के साथ सरकार की यह पहली बैठक थी।
माना जारहा है कि जम्मू-कश्मीर के विकास और लोकतंत्र को मजबूती देने की दिशा में ये एक बहुत ही सकारात्मक प्रयास रहा है। बैठक बहुत ही अच्छे वातावरण में हुई। सभी ने भारत के लोकतंत्र और भारत के संविधान के प्रति पूरी निष्ठा जताई।
गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर की स्थिति, परिस्थिति और बेहतर होते हालात से सभी नेताओं को परिचित कराया।
प्रधानमंत्री ने पूरी गंभीरता के साथ हर पक्ष, हर तर्क, हर सुझाव को सुना और उन्होंने इस बात को सराहा कि सभी जनप्रतिनिधियों ने खुले मन से अपनी-अपनी बात रखी।
प्रधानमंत्री ने बैठक में दो बड़ी बातों पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र को grassroot तक ले जाने के लिए हम सबको मिलकर काम करना होगा।
दूसरा, जम्मू-कश्मीर में all round विकास हो, हर इलाके, हर समुदाय तक विकास पहुंचे, इसके लिए साझेदारी हो और जनभागीदारी का एक माहौल बनाया रखा जाए, ये जरूरी है।
जम्मू-कश्मीर में पंचायती राज से लेकर दूसरे स्थानीय निकायों से जुड़े सभी चुनाव सफलतापूर्वक हो चुके हैं। सुरक्षा से जुड़े हालात भी बेहतर हो रहे हैं। पंचायत चुनावों के बाद करीब बारह हजार करोड़ रुपये सीधे-सीधे पंचायतों के पास पहुंचे हैं। इससे गांव में विकास की रफ्तार को गति मिली है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया से जुड़े अगले महत्वपूर्ण कदम, यानि विधानसभा चुनाव की तरफ हमें मिलकर जाना है। इसके लिए डिलिमिटेशन की प्रक्रिया को तेजी से पूरा करना होगा। ताकि हर क्षेत्र, हर वर्ग को पर्याप्त राजनीतिक प्रतिनिधित्व विधानसभा में प्राप्त हो सके। विशेष रूप से दलितों, पिछड़ों, जनजाति क्षेत्रों के साथियों को एक उचित प्रतिनिधित्व देना आवश्यक है।
डिलिमिटेशन की इस प्रक्रिया में सभी की हिस्सेदारी हो, इसको लेकर के बैठक में विस्तार से बातचीत हुई। बैठक में मौजूद सभी दलों ने इस प्रक्रिया में हिस्सा लेने के लिए सहमति जताई है।
आज की बैठक में प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि जम्मू-कश्मीर को शांति और समृद्धि के पथ पर ले जाने के लिए ऐसे ही सभी stakeholders को मिलकर साथ चलना होगा।
उन्होंने कहा आज जम्मू-कश्मीर हिंसा के कुचक्र से बाहर निकल कर स्थिरता की तरफ बढ़ रहा है। जम्मू-कश्मीर की जनता में एक नयी आशा जगी है, नया आत्मविश्वास आया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें इस आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए, इस भरोसे को और मजबूत करने के लिए दिन-रात मेहनत करनी होगी, साथ मिलकर काम करना होगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा “आज की यह बैठक जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र को मजबूती देने और जम्मू-कश्मीर के विकास और समृद्धि के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। मैं आज की इस बैठक में शामिल होने के लिए सभी राजनीतिक दलों का आभार प्रकट करता हूँ।”
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