जयपुर, 15 अप्रैल | यहां के एक निजी अस्पताल ने गुरुवार को एक स्वैच्छिक संगठन के साथ मिलकर मां के दूध का बैंक खोलने की घोषणा की। महात्मा गांधी अस्पताल ने इनाया फाउंडेशन के साथ मिलकर मां के दूध का बैंक खोला है।
इनाया फाउंडेशन की सचिव नितिशा शर्मा ने संवाददाता सम्मेलन में बताया, “हमने मां के दूध के बैंक ‘अमृत’ की सीमित शुरुआत फरवरी के पहले हफ्ते में ही कर दी थी। 10 अप्रैल तक हमने 74 मांओं द्वारा दान में दिया गया 25,000 मिलीलीटर दूध इकट्ठा किया।”
महात्मा गांधी मेडिकल विश्वविद्यालय के प्रिंसिपल जी. एन. सक्सेना ने बताया कि उनके अस्पताल में 10 अप्रैल तक नवजात शिशुओं को मां के दूध की 196 यूनिट मुहैया कराई गईं हैं।
राजस्थान में इस प्रकार के पहले बैंक की शुरुआत अप्रैल 2013 में उदयपुर के एक सरकारी अस्पताल में हुई थी। मां के दूध के ऐसे ही बैंक मुंबई, पुणे, जयपुर, सूरत और कोलकाता में भी हैं।
नितिशा शर्मा ने कहा कि स्तनपान और दान में दिया गया मां का दूध बच्चों को पिलाने से शिशु मृत्यु दर में 22 फीसदी तक गिरावट हो सकती है।
उन्होंने बताया कि दूध लेने से पहले महिला का ब्लड टेस्ट कराया जाता है। साथ ही उसके दूध का यह जानने के लिए परीक्षण भी किया जाता है कि उसमें किसी तरह का बैक्टीरिया तो नहीं है।
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