चेन्नई, 6 फरवरी | तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जे.जयललिता के निधन को लेकर अफवाहों के बीच उनका इलाज कर चुके चिकित्सकों ने सोमवार को कहा कि चार दिसंबर को दिल का दौरा पड़ने के बाद उन्हें तत्काल जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया। उन्होंने कहा है कि अपोलो अस्पताल में जयललिता को बेहतरीन चिकित्सकीय सुविधाएं दी गईं। जयललिता के स्वास्थ्य पर नजर रखने वाले ब्रिटेन के चिकित्सक रिचर्ड बेले ने यहां संवाददाताओं से कहा, “जो भी किया जा सकता था, वह किया गया।”
फाइल फोटो : तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जे.जयललिता –आईएएनएस
चिकित्सकों के मुताबिक, बीते चार दिसंबर को जिस वक्त जयललिता को दिल का दौरा पड़ा, उस वक्त कमरे में चिकित्सक व चिकित्साकर्मी मौैजूद थे।
एक विशेष संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करने वाले चिकित्सकों के पैनल में शामिल एक चिकित्सक ने कहा, “उन्हें कार्डियक अरेस्ट हुआ। उन्हें तत्काल सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससाइटेशन) दिया गया। कुछ ही मिनटों में हृदय रोग विशेषज्ञ कमरे में आ गए। सीपीआर (प्रक्रिया) 20 मिनटों तक चली, लेकिन उनके दिल में कोई हरकत नहीं हुई।”
उन्होंने कहा कि दिल के दोबारा काम करने की उम्मीद से अगले 24 घंटों तक जयललिता को एक अन्य मशीन पर रखा गया, लेकिन उनके दिल ने फिर से धड़कना शुरू नहीं किया।
चिकित्सक ने कहा कि 24 घंटे के बाद उस प्रक्रिया को बंद करने का फैसला किया गया और यह फैसला अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) तथा अस्पताल के चिकित्सकों के परामर्श से लिया गया।
एक सवाल के जवाब में बेले ने कहा कि वह इलाज के दौरान जयललिता की सहयोगी वी.के.शशिकला से मिले और वह काफी अच्छी तरह से मुख्यमंत्री की देखभाल कर रही थीं।
उल्लेखनीय है कि शशिकला को रविवार को ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएके) के विधायक दल का नेता चुन लिया गया।
जयललिता को छह दिसंबर को यहां अपोलो अस्पताल में मृत घोषित किया गया था। बुखार तथा शरीर में पानी की कमी की वजह से 22 सितंबर को ही उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
जयललिता के निधन के बाद एक आधिकारिक बयान में चिकित्सकों ने कहा कि उन्हें दिल का दौरा पड़ा था। –आईएएनएस
Follow @JansamacharNews