चेन्नई, 23 जुलाई | तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे.जयललिता ने चेन्नई मेट्रो रेल समझौता ज्ञापन (एमओयू) से राज्य के हितों के विरोध वाले प्रावधानों को दूर करने के लिए शनिवार को केंद्र सरकार से इसमें संशोधन की अपील की। वाशरमानपेट तथा विमको नगर के बीच नौ किलोमीटर लंबी मेट्रो रेल के पहले चरण के विस्तार की आधारशिला रखने के मौके पर जयललिता ने कहा, “साल 2011 में द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) सरकार ने केंद्र सरकार तथा चेन्नई मेट्रो रेल के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया था।”
उन्होंने कहा कि समझौता ज्ञापन के कई प्रावधान राज्य सरकार के हितों के खिलाफ हैं और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इसमें संशोधन की अपील की है।
जयललिता ने राज्य के हितों को प्रभावित किए बिना समझौता ज्ञापन में संशोधन की अपील की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर चेन्नई में यातायात के सघन होने के मद्देनजर, तत्कालीन डीएमके सरकार ने साल 2010 में केंद्र सरकार को मेट्रो रेल लाइन को वाशरमानपेट से विमको नगर तक विस्तारित करने का एक प्रस्ताव भेजा था।
जयललिता ने कहा कि हालांकि उस वक्त गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रही कांग्रेस पार्टी ने इसे मंजूरी नहीं दी थी।
जयललिता के मुताबिक, उनकी सरकार के प्रयासों व केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एम.वेंकैया नायडू के सहयोग से केंद्र सरकार ने अब परियोजना को मंजूरी दे दी है।
उन्होंने कहा कि माधवरम से दो लाइनें शुरू होंगी और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट पर काम चालू है।
मुख्यमंत्री के मुताबिक, परियोजना का वित्तपोषण जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (जेआईसीए) द्वारा किए जाने की संभावना है और मंजूरी के लिए परियोजना जल्द ही केंद्र सरकार के पास भेज दी जाएगी। –आईएएनएस
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