जल के महत्व को समझना होगा ताकि आने वाला कल सुरक्षित रहे।
लखनऊ, 21 जुलाई। जल के महत्व को समझना होगा ताकि आने वाला कल सुरक्षित रहे। जल के बगैर जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। भारतीय मनीषा इस बात को हमेशा मानती रही है कि जल है तो कल है।
ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को लोकभवन में आयोजित भूजल सप्ताह के समापन समारोह में कही।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शनिवार को वृहद वृक्षारोपण के साथ कार्यक्रम का समापन होगा। पूरे प्रदेश में वृक्षारोपण अभियान के तहत एक दिन में 30 करोड़ पौधे रोपित किए जाएंगे जबकि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 5 करोड़ वृक्षारोपण के साथ कार्यक्रम संपन्न होगा।
उन्होंने आव्हान किया कि इसमें हम सबको बढ़चढ़कर अपनी भागीदारी करनी होगी। ऐसे ही हमे बरसात के पानी को एकत्रित करना है क्योंकि जितना भूगर्भीय जल का स्तर अच्छा होगा उतना ही हमें शुद्ध पानी मिलेगा। इसके विपरीत यह स्तर जितना नीचे जाएगा उससे ऑर्सेनिक और फ्लोराइड की शिकायत भी देखने को मिलेगी। इससे बीमारियों का खतरा भी बढ़ेगा।
सीएम योगी ने कहा कि सरकार हर घर नल की योजना चला रही है। पिछले 6 वर्षों में हर घर में जल उपलब्ध करवाने का सपना साकार हो रहा है। पहले जहां बुंदेलखंड और विंध्य जैसे क्षेत्रों में लोग जल 5 से 7 किलोमीटर दूर से अपने सर पर ढोकर लाते थे, आज यहां हर घर में शुद्ध जल उपलब्ध हो रहा है। सरकार आज इन इलाकों में आरओ का पानी पहुंचाने का काम कर रही है। जल के महत्व को समझते हुए भूगर्भीय जल स्तर को बढ़ाना होगा क्योंकि हम अपनी जल की आवश्यकता को 80 से 90 फीसदी भूगर्भीय जल से पूरा करते हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 9 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नमामि गंगे परियोजना के बाद आज इसमें व्यापक सुधार हुआ है, लेकिन अभी भी हमें इस दिशा में नये कदम उठाने होंगे क्योंकि ग्राउंड वाटर हो या सरफेस वाटर इसकी सुरक्षा करनी ही होगी। इससे ही भूगर्भीय जल का स्तर मजबूत होगा। सीएम योगी ने प्रदेशवासियों से आवाह्न किया कि जल संरक्षण के लिए सबसे अच्छा समय बरसात का है क्योंकि इस समय हम एक-एक बूंद को बचा पाएंगे तो आने वाले समय में जीवन को बचाने का यह एक प्रयास होगा। इस विश्वास के साथ भूजल सप्ताह को यहां पर सफल बनाने के साथ ही साथ इसको वास्तविक धरातल पर क्रियान्वित करने के लिए हम सभी को संकल्पित होकर कार्य करना होगा।
कार्यक्रम में जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, जलशक्ति राज्य मंत्री दिनेश खटीक, कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह, नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव समेत कई विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।