जयपुर, 06 मई (जनसमा)। पानी की आवश्यकता आज हर किसी को है जिस कारण इसके महत्व को समझा जा सकता है। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के विजन ‘जल है तो कल है’ को बांसवाड़ा जिले के हर आम और खास व्यक्ति ने न केवल समझा है बल्कि भविष्य में जल संकट की भयावहता से उबरने के लिए उसे अपने कार्य व्यवहार में भी उतारा है। आज मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान केवल सरकार या प्रशासन का अभियान न रहकर अब जिले में जनआंदोलन का रूप ले चुका है।
अभियान की सफलता का अंदाज इस बात से ही लगाया जा सकता है कि प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधि और भामाशाहों द्वारा संसाधन उपलब्ध कराने से लेकर आमजन तक भी इस अभियान का स्वप्रेरित हिस्सा बन चुके हैं। बांसवाड़ा जिले में इस अभियान के तहत द्रुतगति से चल रहे कार्यों में जिले की दूरस्थ पंचायत समिति गांगडतलाई में चिन्हित चौदह गांवों में अभियान के तहत संचालित कार्य पूर्णता की ओर अग्रसर है।
अभियान के तहत इन चिन्हित गांवों में मेड़बंदी के 43, चेकडेम के 598, एमपीटी के 107, डिपसीसीटी के एक,सीसीटी के दो कार्यों एवं कूप के 81 कार्य सहित अन्य स्वीकृत कार्यों को पूर्ण करने के लिए प्रशासन के साथ ही जनप्रतिनिधि, ग्रामवासी एवं आमजन भी अपना पूर्ण योगदान प्रदान कर रहे हैं।
यह मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान की सफलता ही है कि लगभग सभी गांवों में गांववासी स्वस्फूर्त इस अभियान में जुड़कर न केवल कार्यों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं वरन् इस जल संग्रहण महायज्ञ में अपने श्रम की आहुतियां भी निःस्वार्थ भाव से दे रहे हैं। इस अभियान के लिए ग्रामीणों का उत्साह भी देखते ही बनता है। लोगों का कहना है कि राज्य सरकार ने हमें इस बात का अहसास करा दिया है कि ‘जल है, तो कल है’ और इसी मंत्र को लेकर हम लोग ‘गांव का पानी गांव में और खेत का पानी खेत में’ रखने के हरसंभव जतन कर रहे हैं।
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