मथुरा, 3 जून। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) जावीद अहमद का कहना है कि पुलिस जवाहरबाग सरकारी पार्क में कार्रवाई नहीं बल्कि निरीक्षण के लिए गई थी। पुलिस का उद्देश्य कथित सत्याग्रहियों की रेकी करना था।
मथुरा हिंसा के बाद शुक्रवार को यहां पहुंचे डीजीपी जावीद अहमद, एडीजी लॉ एंड आर्डर दलजीत चौधरी तथा प्रमुख सचिव गृह देवाशीष पांडा ने घटनास्थल और अन्य जगहों का जायजा लिया। साथ ही मथुरा पुलिस लाइन में सभी शहीद पुलिसकर्मियों को सलामी व श्रद्धांजलि दी।
डीजीपी अहमद ने कहा कि मथुरा हिंसा का मास्टरमाइंड रामवृक्ष यादव अगर जिंदा होगा तो जरूर पकड़ा जाएगा।
डीजीपी ने कहा कि मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि पार्क से बरामद सभी असलहों की जांच की जा रही है। अब पुलिस का सारा ध्यान सिर्फ राम वृक्ष की गिरफ्तारी पर है।
गुरुवार को हुई हिंसा पर उन्होंने कहा कि पुलिस केवल निरीक्षण के लिए गई थी। निरीक्षण के बाद किसी भी कार्रवाई की योजना दो-तीन दिन बाद की थी। पुलिस अभियान के लिए जवाहरबाग नहीं गई थी। उसका उद्देश्य कथित सत्याग्रहियों की रेकी करना था। तभी सत्याग्रहियों ने पुलिस पर हमला बोल दिया।
उन्होंने हिंसा में 24 लोगों के मरने की पुष्टि की, जिनमें 11 की मौत जलकर हुई है।
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