जाति के नाम पर असहिष्णुता देश के हित में नहीं: वीरभद्र

शिमला, 17 फरवरी। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि चुनाव के दौरान पार्टी जिसे टिकट देती है, वही पार्टी का उम्मीदवार होता है तथा पार्टी विचारधारा से जुड़े सभी लोगों को उसका समर्थन करना चाहिए और उसके पक्ष में मत देना चाहिए। उन्होंने पार्टी में दरार डालने का प्रयास करने वालों को आगाह करते हुए कहा कि पार्टी के लोगों को पार्टी द्वारा घोषित उम्मीदवार को पूर्ण सहयोग देना चाहिए और जो लोग पार्टी के विरूद्ध कार्य करते हैं, उन्हें ऐसा करने पर लज्जा आनी चाहिए और उन्हें अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए भी तैयार रहना चाहिए। वीरभद्र सिंह आज हमीरपुर जिले के सुजानपुर मेें एक विशाल जनसभा को सम्बोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही मेें हुए पंचायत चुनाव में अधिकतर महिलाएं चुनकर आई हैं और पंचायत समितियों व शहरी निकायों के 70 प्रतिशत परिणाम सत्तासीन सरकार के पक्ष में आए हैं। उन्होंने महिलाओें को बधाई देते हुए कहा कि उन्हें लोगों की बेहतरी एवं कल्याण के लिए कार्य करना चाहिए, जिन्होंने उन्हें अपना मत देकर विजयी बनाया है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के विकास व सशक्तिकरण से ही राष्ट्र विकसित होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किन्नौर, हमीरपुर और कांगड़ा जिलों को छोड़कर प्रदेश के सभी जिलों में जिला परिषद अध्यक्ष पदों पर कांग्रेस के उम्मीदवार विजयी हुए हैं, जो प्रदेश के लोगों का कांग्रेस की नीतियों मेें विश्वास को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि राजनीतिज्ञों की सोच निजी स्वार्थों तक सीमित होती जा रही है। प्रत्येक राजनीतिज्ञ को लोगों के कल्याण के लिए आगे आना चाहिए न कि लोगों को जाति व धर्म के आधार पर बांटने के लिए। आज हम देश में धर्म और जाति के नाम पर असहिष्णुता देख रहे हैं, जो देश के हित में नहीं है और एक विचारणीय मुददा है। उन्होंने कहा कि राजनीतिज्ञों को लोगों को आपस में बांटने की राजनीति से बचना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने अपने चुनावी घोषणापत्र को नीति दस्तावेज बनाया है और पिछले तीन वर्षों के दौरान सरकारी क्षेत्र में 28,000 युवाओं को रोजगार प्रदान किए गए हैं, इसके अतिरिक्त, रोजगार मेलों के माध्यम से गैर सरकारी क्षेत्र में 27,000 युवाओं को नौकरियां दिलाई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2016-17 के दौरान 25,000 युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाने का प्रावधान किया है।

वीरभद्र सिंह ने कहा कि वर्ष 1948 में राज्य में नाममात्र की सड़कें थीं और आज, प्रदेश में 35,000 किलोमीटर लंबी सड़कें हैं जो बड़ी एक बड़ी उपलब्धि है। वर्ष 1948 के दौरान प्रदेश के केवल 6 गांवों में बिजली थी जबकि आज शत-प्रतिशत विद्युतीकरण हो चुका है। राज्य के दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों में विशेषकर लड़कियों को उच्च शिक्षा सुविधा उपलब्ध करवाने के उददेश्य से पिछले तीन वर्षों के दौरान 94 महाविद्यालय खोले गए हैं। आज राज्य में कुल 15,534 शिक्षण संस्थान कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि हमीरपुर में एक मेडीकल कालेज खोला जा रहा है और इसके लिये 190 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके अतिरिक्त, दो अन्य मेडीकल कालेज चम्बा और नाहन में खोले जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने सुजानपुर में 50 बिस्तरों के नागरिक अस्पताल का लोकार्पण किया। उन्होंने जोल गांव के सान्ध नाला में 90 लाख रुपये की लागत से किये जाने वाले तटीकरण की आधारशिला रखी। इससे जोल, पलाही और समोना गांव के लोग लाभान्वित होंगे। मुख्यमंत्री ने सुजानपुर में 20 लाख रुपये की लागत से निर्मित होने वाले लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह के अतिरिक्त भवन का उद्घाटन भी किया।

वीरभद्र सिंह ने कहा कि वह राजनेता नहीं होते तो एक शिक्षक होते और यह संयोग है कि पार्टी हाई कमान ने उन्हें राज्य का प्रतिनिधित्व करने के लिये चुना।