नई दिल्ली, 29 जनवरी (जनसमा)। केन्द्र सरकार ने दुनिया के कुछ देशों में फैले खतरनाक ‘जीका’ वायरस से सावधान रहने की चेतावनी दी है। सरकार का कहना है कि लोगों के बीच इस वायरस के बारे में जागरूकता पैदा की जाए ताकि बचाव के उपाय कारगर हो सके।
स्वाास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि जीका विषाणु का संक्रमण एडीज प्रजाति के मच्छरों के काटने से होता है, जो डेंगू फैलाने वाले मच्छरों की तरह साफ पानी में पैदा होते हैं और दिन में ही काटते हैं।
ब्राजील में मई 2015 में जीका विषाणु का पहला मामला सामने आया था। तब से आज तक यह विषाणु ब्राजील सहित अमेरिका महाद्वीप के 22 देशों में फैल चुका है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस दिशा में समुदायों के बीच अधिक से अधिक जागरुकता पैदा करने की आवश्यकता है।
उधर दुनिया में एक नए प्रकार की बीमारी के सामने आने के बाद विश्व स्वाास्थ्य संगठन ने सतर्क रहने की सलाह दी है।
स्वाास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि जीका विषाणु का संक्रमण एडीज प्रजाति के मच्छरों के काटने से होता है, जो डेंगू फैलाने वाले मच्छरों की तरह साफ पानी में पैदा होते हैं और दिन में ही काटते हैं।
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे. पी. नड्डा ने आज कुछ देशों से फैले जीका वायरस पर स्थिति की समीक्षा करने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय तथा एम्स के अधिकारियों की उच्चस्तरीय बैठक की। बैठक के बाद स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हम स्थिति पर निगरानी रखे हुए हैं और आपात स्थिति से निपटने के लिए भारत की तैयारी सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने तत्काल प्रभाव से एक तकनीकी समूह गठित करने का निर्देश दिया। यह समूह अन्य देशों में जीका वायरस के फैलने से उत्पन्न स्थिति पर नजर रखेगा और आवश्यक रूप से उठाए जाने वाले कदमों के बारे में सलाह देगा।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा “हम निगरानी प्रणाली को मजबूत बनाने पर बल दे रहे हैं।”
डेंगू प्रकोप वाले एडीज मच्छर भी जीका वायरस का संचार करते हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने जोर देकर कहा कि स्वच्छ पानी में उत्पन्न होने वाले एडीज मच्छरों के फैलाव को नियंत्रित करने के लिए कारगर कदम उठाये जाने चाहिए।।
बैठक में स्वास्थ्य सचिव बी. पी. शर्मा, स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक डॉ. जगदीश प्रसाद तथा स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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