नई दिल्ली, 18 जून | प्रधानमंत्री की कर के दायरे को बढ़ाने की सलाह की तरफ संकेत करते हुए शीर्ष उद्योग संगठन फिक्की ने शनिवार को सकल घरेलू उत्पाद में कर का अनुपात बढ़ाने के प्रयास करने की जरूरत बताई। फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के अध्यक्ष, हर्षवर्धन नेवतिया ने एक बयान में कहा, “राष्ट्र की विकास प्राथमिकताओं को देखते हुए यह महत्वपूर्ण है कि जीडीपी में कर के अनुपात को बढ़ाने के सभी प्रयास किए जाएं।”
नेवतिया ने कहा, “समाज के आर्थिक रूप से कमजोर तबकों को बुनियादी सेवाएं मुहैया कराने के लिए सरकार को अधिक संसाधनों की जरूरत है, साथ ही स्वास्थ्य, शिक्षा और अवसंरचनाओं में अधिक से अधिक निवेश करने की जरूरत है।”
“हमें आशा है कि प्रौद्योगिकी और सूचना जुटाने के अन्य स्रोतों जैसे बैंक और क्रेडिट कार्ड के लेन-देन की जानकारी हासिल कर राजस्व विभाग अधिक से अधिक लोगों से कर इकट्ठा कर पाएगा और जो लोग कर नहीं चुका रहे उन्हें भी कर के दायरे में ला पाएगा।”
उद्योग संगठन ने कर आधार बढ़ाने के लिए एक निश्चित सीमा तक की आय की सूचना दाखिल करने को अनिवार्य बनाने का सुझाव दिया।
नेवतिया ने आगे कहा, “समय के साथ इस तरह की जानकारियों का भंडार आय के स्रोत और प्रकृति का विश्लेषण करने का उपयोगी औजार बन जाएगा, जिससे सरकार कर देनदारी के स्पष्ट मामलों की पहचान कर पाएगी।”
–आईएएनएस
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