पटना, 15 जून (जनसमा)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में जीविका के मद्य निषेध कार्यक्रम के उद्घाटन के दौरान जीविका की दीदीयों को संबोधित करते हुए कहा कि यह आपका ही क्रेडिट है कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू हुई। जीविका एवं अन्य समूहों के द्वारा चलाए जा रहे शराबबंदी अभियान के प्रति उनका पहले से ही समर्थन था।
नीतीश ने कहा कि 2010 में शपथ लेने के बाद प्रतिवर्ष मद्य निषेध दिवस मनाने का निर्णय लिया गया। विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से शराबबंदी के प्रति जन जागरूकता अभियान चलाए गए लेकिन सरकार की ओर से पहले शराबबंदी लागू नहीं थी।
उन्होंने कहा कि पूर्व में भी 1977 में शराबबंदी लागू की गई थी लेकिन कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। मेरे मन में द्वंद था कि यदि प्रभावी तरीके से शराबबंदी लागू नहीं की गई तो यह अभियान सफल नहीं होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 9 जुलाई 2015 को इसी सभागार में जीविका के ग्राम वार्ता कार्यक्रम में शराबबंदी की मॉग उठी, जिससे अर्न्तमन का द्वंद मिट गया। हमने वादा किया कि अगली बार सत्ता में आएंगे तो शराबबंदी लागू करेंगे। शपथ ग्रहण के दूसरे दिन मद्य निषेध दिवस के अवसर पर हमने 1 अप्रैल 2016 से शराबबंदी लागू करने की घोषणा की, इसके लिए पूरी तैयारी की गयी। व्यापक स्तर पर जन जागरण अभियान चलाया गया।
उन्होंने कहा कि पहले चरणबद्ध तरीके से शराबबंदी लागू करने का निर्णय लिया गया था, जिसका विरोध हुआ। हमारे लिए स्वर्णिम अवसर था, जो हम चाहते थे, वही हो रहा था। अंततः 5 अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी लागू की गई।
नीतीश ने कहा कि तमाम लोगों को मैं बधाई एवं धन्यवाद देता हूँ, जिन्होंने पूर्ण शराबबंदी लागू करने में अपनी भूमिका निभाई।
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