जी20 देशों के पर्यटन क्षेत्र के प्रतिनिधियों की बैठक 7-9 फरवरी 2023 के दौरान गुजरात में कच्छ के रण की लुभावनी सफेद रेत की पृष्ठभूमि में,आयोजित की जायेगी।
पर्यटन मंत्रालय के सचिव अरविंद सिंह ने आज बैठक स्थल धोरडो में पूर्वावलोकन संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पर्यटन मंत्रालय द्वारा आयोजित, जी20 के तहत पर्यटन कार्यसमूह की पहली बैठक कल से शुरू हो रही है, जिसमें 100 से अधिक प्रतिनिधि शामिल होंगे।
जी20 पर्यटन कार्यसमूह की बैठक में केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला, केन्द्रीय पर्यटन, संस्कृति और पूर्वोत्तर विकास मंत्री जी किशन रेड्डी और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र भाई पटेल भाग लेंगे।
बैठक में जी20 सदस्य देशों, आमंत्रित देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के वरिष्ठ प्रतिनिधि भी मौजूद रहेंगे।
सचिव ने कहा कि भारत की जी20 अध्यक्षता के अवसर पर, पर्यटन मंत्रालय ने विभिन्न कार्यक्रमों को आयोजित करने की योजना बनाई है, जिनमें न केवल सरकारी स्तर के हितधारक, बल्कि यात्रा-कारोबार और आतिथ्य क्षेत्र के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। मंत्रालय अप्रैल/मई 2023 में नई दिल्ली में पहले वैश्विक पर्यटन निवेशक शिखर सम्मेलन (जीटीआईएस) का आयोजन करेगा। जीटीआईएस का उद्देश्य पर्यटन अवसंरचना, प्रौद्योगिकी, कौशल विकास, स्टार्टअप और अन्य में निवेश के साथ-साथ भारतीय पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र में वैश्विक निवेश को आकर्षित करना है।
जून में गोवा में मंत्रिस्तरीय बैठक के साथ जी20 सीईओ फोरम आयोजित किया जाएगा। यह कार्यक्रम विश्व यात्रा और पर्यटन परिषद (डब्ल्यूटीटीसी) और डब्ल्यूटीटीसी (भारत पहल) द्वारा आयोजित किया जा रहा है।
सिंह ने कहा कि पर्यटन मंत्रालय मई और जून, 2023 में साहसिक पर्यटन पर क्रमश: एमआईसीई वैश्विक सम्मेलन और कार्यक्रम आयोजित करेगा।
भारत की जी-20 अध्यक्षता के दौरान पर्यटन क्षेत्र के लिए पांच प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की पहचान की गई है, जो पर्यटन क्षेत्र के परिवर्तन को गति देने के लिए प्रमुख आधार स्तम्भ होंगे और 2030 के सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करेंगे। पांच प्राथमिकता वाले क्षेत्र निम्न हैं:
हरित पर्यटन “एक सतत, जिम्मेदार और लचीले पर्यटन क्षेत्र के लिए पर्यटन क्षेत्र को हरियाली से जोड़ने का कार्य है”।”
डिजिटलीकरण “पर्यटन क्षेत्र में प्रतिस्पर्धात्मकता, समावेशन और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए डिजिटलीकरण की शक्ति का उपयोग करना”
कौशल “पर्यटन क्षेत्र में नौकरियों और उद्यमिता के लिए कौशल के साथ युवाओं को सशक्त बनाना”
पर्यटन एमएसएमई “पर्यटन क्षेत्र में नवाचार और गतिशीलता लाने के लिए पर्यटन एमएसएमई/स्टार्टअप/निजी क्षेत्र का पोषण”
गंतव्य प्रबंधन “एसडीजी पर जारी किए गए समग्र दृष्टिकोण की दिशा में गंतव्यों के रणनीतिक प्रबंधन पर पुनर्विचार”
पर्यटन सचिव ने यह भी कहा कि ग्रामीण पर्यटन पर केंद्रित दो कार्यक्रम और पुरातत्व पर्यटन को बढ़ावा देना तीन दिवसीय आयोजन की मुख्य विशेषताएं होंगी।
सिंह ने कहा कि ग्रामीण पर्यटन में स्थानीय आर्थिक विकास, सामाजिक परिवर्तन और समावेशी सामुदायिक विकास को प्रोत्साहित करने की उच्च क्षमता है।
ग्रामीण पर्यटन ग्रामीण मूल्य और गांवों के साथ-साथ उनके संबंधित परिदृश्य, ज्ञान प्रणाली, जैविक और सांस्कृतिक विविधता, स्थानीय मूल्यों और गतिविधियों (कृषि, वानिकी, पशुधन और/या मत्स्य पालन) की रक्षा करता है, जिसमें उनकी पाककला भी शामिल है।
दूसरे फोकस क्षेत्र के बारे में बात करते हुए सिंह ने कहा कि पुरातात्विक स्थलों में समृद्ध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक कलाकृतियां हैं, जो दुनिया भर में प्राचीन सभ्यताओं के बारे में ज्ञानपूर्ण खोज प्रदान करती हैं।
पर्यटन को पुरातात्विक स्थलों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक वाहक के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे किसी गंतव्य की सांस्कृतिक विरासत को बेहतर ढंग से समझा जा सकता है और स्थानीय समुदायों के आर्थिक तथा सामाजिक विकास को बढ़ावा मिल सकता है।
विजिट इंडिया ईयर 2023 पहल इस साल 31 जनवरी को शुरू की गई थी और भारत में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इसकी कई बड़ी योजनाएं और गतिविधियां हैं। इस वर्ष एक लाख से अधिक विदेशी प्रतिनिधि भारत का दौरा करेंगे और वे स्मारकों और त्योहारों सहित भारत की समृद्ध संस्कृति और सांस्कृतिक विविधता को देखने पाएंगे।
गुजरात सरकार के पर्यटन सचिव हरित शुक्ला और विदेश मंत्रालय में आईसीसीआर के डीडीजी अभय कुमार भी संवाददाता सम्मेलन के दौरान उपस्थित थे।
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