नई दिल्ली, 13 जून | केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी की इस माह कोलकाता में प्रस्तावित मुलाकात से दोनों दलों के बीच मुद्दा आधारित समन्वयन को औपचारिक रूप मिल सकता है। भाजपा के सूत्रों ने सोमवार को यहां यह बात कही। असम की सफलता के बाद राज्यसभा में भी मिली सफलता से तरोताजा भाजपा क्षेत्रीय छत्रपों के साथ अच्छा कामकाजी रिश्ता बनाकर रखने और वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) जैसे महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने को इच्छुक है।
वस्तु एवं सेवा कर (जीएटी) विधेयक पर राज्यों के वित्त मंत्रियों की अधिकार प्राप्त समिति की मंगलवार 14 जून से दो दिवसीय बैठक होने जा रही है।
पश्चिम बंगाल के वित्तमंत्री अमित मित्रा की अध्यक्षता वाली इस बैठक में पहले दिन जेटली के भी भाग लेने की संभावना है।
भाजपा के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया, “जेटली सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय भी संभालते हैं। ऑल इंडिया रेडियो के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उनके कोलकाता में उपस्थित रहने की संभावना है। प्रसार भारती ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी इस बैठक में आमंत्रित किया है। जेटली और बनर्जी में बातचीत के लिए अलग से भी मुलाकात हो सकती है।”
भाजपा पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि हाल के दो साल पर हुए चुनाव में राज्यसभा की बढ़ी हुई सीटों के साथ सरकार जीएसटी विधेयक को पारित करने की प्रक्रिया तेज करना चाहेगी, ताकि आर्थिक सुधार प्रक्रिया को वह दिशा दी जा सके, जिसकी बहुत जरूरत है।
ममता पहले ही जीएसटी का समर्थन करने की घोषणा कर चुकी हैं।
यह विधेयक पूरे देश में भारत के अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था को समाप्त कर उसकी जगह जीएसटी लागू करने के लिए है। लोकसभा से यह पारित हो चुका है, लेकिन राज्यसभा में अटका हुआ है, क्योंकि सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को राज्यसभा में बहुमत नहीं है।
हाल में संपन्न राज्य विधानसभा चुनावों में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस को जबर्दस्त जीत मिली है। इसके बाद भाजपा इस क्षेत्रीय दल को साधने की कोशिश कर रही है।
10 जून को रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने ममता बनर्जी को फोन किया था और दोनों नेताओं ने परियोजनाओं पर बातचीत की थी। संरचनागत विकास के लिए रेलवे और राज्य प्रशासन के बीच एक संयुक्त उपक्रम बनाने पर विचार किया गया था। सुरेश प्रभु ने बाद में ममता को एक सफल रेल मंत्री बताया था।
इस बीच भाजपा सूत्रों ने कहा कि 28 जून को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ऑल इंडिया रेडियो की विशेष बांग्ला सेवा आकाशवाणी मैत्री का शुभारंभ करेंगे।
प्रसार भारती के अनुसार, नई रेडियो सेवा पश्चिम बंगाल के साथ बांग्लादेश के श्रोताओं को भी अपनी सेवा देगा। इसका मकसद भारत के पूर्वी पड़ोसी के साथ दोस्ती को बढ़ावा देना है।
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