चंडीगढ़, 16 सितम्बर (जस)। हरियाणा के कुरूक्षेत्र जिला कारागार से छूटने के बाद बंदियों को अपना रोजगार स्थापित करने के लिए 50 हजार रुपए से लेकर 10 लाख रुपए तक का ऋण पंजाब नेशनल बैंक द्वारा उपलब्ध करवाया जाएगा। यह ऋण उन बंदियों को ही मुहैया करवाया जाएगा जो जिला कारागार में पीएनबी ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरसेटी) से प्रशिक्षण ग्रहण करेंगे। इसके लिए पीएनबी आरसेटी ने अपना पहला घरेलु बिजली उपकरणों को ठीक करने का 30 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर शुरु किया है। अहम पहलु यह है कि इस प्रशिक्षण शिविर का शुभारम्भ भी जिला एवं सत्र न्यायाधीश अरुण कुमार त्यागी ने गुरूवार को कुरूक्षेत्र में किया।
हरियाणा सरकार ने योजना तैयार की है कि जेल के बंदियों को भी छोटे-छोटे लघु कार्यों के लिए प्रशिक्षण दिया जाए ताकि जेल से छूटने के बाद बंदी आपराधिक गतिविधियों की तरफ दोबारा न जाए। इन बंदियों को जेलों में ही प्रशिक्षण देकर अपने रोजगार के लिए तैयार किया जाए, इतना ही नहीं सरकार की हिदायतों के अनुसार विभिन्न वितिय संस्थानों की तरफ से ऋण जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई जाए। सरकार की इस सोच को गुरूवार को सुबह अमलीजामा पहनाया गया।
इस योजना के तहत पंजाब नेश्रल बैंक के ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान ने जिला कारागार के बंदियों को घरेलु बिजली उपकरणों जिसमें पंखे, मोटरे, एयरकंडीशनर, मोमबती बनाना, मोटर साईकिल व स्कूटर आदि जैसे कार्यो का प्रशिक्षण देने के लिए वर्कशाप का आयोजन शुरु किया है। जिला कारागार में आरसेटी ने अपनी पहली वर्कशाप में 29 बंदियों को बिजली के छोटे-छोटे उपकरणों को ठीक करने का कार्य शुरु किया है।
इस कार्यशाला का शुभारम्भ करते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश अरुण कुमार त्यागी ने सभी बंदियों से कहा कि पंजाब नेशनल बैंक ने जेल से छूटने के बाद दोबारा जीवन यापन करने के जो अवसर मुहैया करवाने का लक्ष्य निर्धारित किया है, उससे बंदियों की जीवनशैली ही बदल जाएगी। सभी बंदी समाज के आम नागरिक की तरह बेहतर जीवन जी सकेंगे। इन बंदियों को आर्थिक सहायता मुहैया करवाने का निर्णय लेने पर पीएनबी बैंक के अधिकारियों की प्रंशसा भी की है।
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