पटना, 05 मार्च। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को पटना में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जे॰एन॰यू॰ छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने रिहाई के बाद जे॰एन॰यू॰ में जो भाषण दिया, वह बहुत प्रभावकारी है। एक छात्र नेता को जिस प्रकार से परेशान करने की कोशिश की गयी, वह अच्छी प्रवृति नहीं है। हमलोग तो लगातार कहते थे कि उस पर देशद्रोह का मुकदमा किया गया है तो उसके प्रमाण क्या हैं। जो कुछ भी कन्हैया कुमार ने कहा है, वह सही एवं दुरुस्त है।
उन्होंने कहा कि हम भारत से आजादी की नहीं लेकिन भारत में आजादी की बात करते हैं और आजादी की मॉग करते हैं। भुखमरी से आजादी होनी चाहिये, गरीबी से आजादी होनी चाहिये। भारत में जो असहिष्णुता है, उससे आजादी मिलना चाहिये। पूँजीवाद से छुटकारा मिलना चाहिये। ये विचार कन्हैया कुमार ने बहुत ही प्रभावी रूप से रखा है।
उन्होंने कहा कि ये इस बात को प्रमाणित करता है कि हमारी नई पीढ़ी में बहुत क्षमता है। ऐसे जो होनहार छात्र एवं युवा आगे आयेंगे तो देश में लोकतंत्र की जड़ें और मजबूत होगी।
बिहार के मुख्यमंत्री कहा कि ऐसी स्थिति में जहाँ असंतोष पनप रहा है, उसे दबाने के लिये एक नया शगूफा इन्होंने देशभक्ति का दिया है। ये बात कन्हैया कुमार के भाषण से साबित होती है। उन्होंने कहा कि कन्हैया कुमार पर देशद्रोह का आरोप लगा रहे हैं, जबकि कन्हैया कुमार उनकी तुलना में ज्यादा देशभक्त हैं इसलिये मैं अपनी पूरी शुभकामना कन्हैया कुमार को देता हूँ।
उन्होंने कहा कि मुझे बेहद खुशी है कि जे॰एन॰यू॰ में वैचारिक रूप से मुखर लोग रह रहे हैं और अपनी बात पूरी स्पष्टता के साथ कह रहे हैं, ये इन्हें नापसंद है। ये अपनी बात सबों पर थोपना चाहते हैं और जो उनके विचार को नहीं मानते हैं, उनको देशद्रोही कहकर बदनाम करना चाहते हैं, इसमें वे कामयाब नहीं होंगे।
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