रायपुर, 16 फरवरी। छत्तीसगढ़ सरकार से लगातार मिल रहे प्रोत्साहन के फलस्वरूप जैविक खेती में किसानों की दिलचस्पी लगातार बढ़ती जा रही है। राज्य के किसानों ने चालू रबी मौसम में विभिन्न फसलों की खेती के लिए अब तक जैविक खाद के लगभग 10 लाख 96 हजार पैकेट प्राप्त कर लिए हैं। इनमें पी.एस.बी., राइजोबियम और एजेक्टोवेटर कल्चर के पैकेट शामिल हैं। किसानों को जैविक खाद उनकी मांग के अनुरूप छत्तीसगढ़ राज्य कृषि एवं बीज विकास निगम के माध्य म से उपलब्ध कराए जाते हैं। जैविक खाद के पैकेटों का वितरण लगातार चल रहा है।
छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने आज यहां बताया कि जैविक खेती आज की जरूरत बन गई है। किसान अब इसे समझने लगे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए जैविक खेती मिशन शुरू किया है। यह मिशन छत्तीसगढ़ के सभी 27 जिलों में चल रहा है। मिशन के अंतर्गत जैविक तरीके से खेती करने के लिए लगभग तीन हजार 854 हेक्टेयर जमीन का चयन किया गया है। मिशन की सफलता के लिए राज्य स्तर और सभी जिलों में जिला स्तर पर जैविक खेती सेल की स्थापना की गई है। किसानों को जैविक बीज उपलब्ध कराने के लिए छत्तीसगढ़ के सात शासकीय कृषि प्रक्षेत्रों को आदर्श जैविक प्रक्षेत्र के रूप में स्थापित किया जा रहा है।
कृषि मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से छत्तीसगढ़ में अलग से जैविक खेती अनुसंधान केन्द्र स्थापित करने का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को दिया गया है। यह प्रस्ताव उन्होंने पिछले महीने की 17 और 18 तारीख को गंगटोक (सिक्किम) में आयोजित कृषि मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन में दिया है। वर्तमान में छत्तीसगढ़ राज्य क्षेत्रीय जैविक खेती अनुसंधान केन्द्र जबलपुर (मध्यप्रदेश) के अंतर्गत आता है, लेकिन हमारे यहां की कृषि जलवायु की परिस्थितियां अलग होने के कारण छत्तीसगढ़ में अलग से ऐसे केन्द्र की जरूरत भारत सरकार को बतायी गई है।
बृजमोहन अग्रवाल ने बताया कि छत्तीसगढ़ में वर्तमान में रबी मौसम में जैविक खादों के साढ़े ग्यारह लाख पैकेट किसानों को उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। इस लक्ष्य के विरूद्ध 10 लाख 95 हजार 671 पैकेट पी.एस.बी., राइजोबियम, एजेक्टोवेक्टर और अन्य जैविक खाद वितरित किए गए हैं। इनमें पी.एस.बी. के छह लाख 54 हजार 400 पैकेट, राइजोबियम के तीन लाख 46 हजार 746 पैकेट, एजेक्टोवेक्टर के 94 हजार 525 पैकेट शामिल हैं। अग्रवाल ने बताया कि पिछले साल इन खादों के लगभग 11 लाख पैकेट किसानों को वितरित किए गए थे।
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