नई दिल्ली, 11 जनवरी । रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा है कि पठानकोट सरीखे आतंकी हमले तब तक होते रहेंगे, जब तक आतंकवादी संगठनों एवं हमलावरों को ठीक उसी तरह के दर्द का अहसास नहीं कराया जाएगा I इसलिए यह जरुरी है कि आतंकियों को भी उसी तरह का दर्द महसूस कराया जाए, जैसा वह हमलों के जरिए भारत को दे रहे हैं I
फाइल फोटो रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर
66 वें सेना दिवस समारोह की तैयारियों से जुड़े एक कार्यक्रम में पहुंचे रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने सोमवार को यहां कहा कि इतिहास भी यही बताता है कि जो आपको नुकसान पहुँचाना चाहते हैं और अगर वो नहीं बदलते हैं तो उन्हें भी उसी दर्द को अहसास करना होगा, जैसा वो देते हैं I मेरा व्यक्तिगत रूप से मानना है कि जो आपको नुकसान पहुँचाना चाहता है, उससे उसी रूप में ही निपटना होता है I उससे कब और कैसे निपटा जाए, यह अपनी पसंद पर निर्भर होता है I लेकिन अगर कोई संस्था या संगठन देश को नुकसान पहुंचा रहा है, तो मुझे लगता है कि उस विशेष व्यक्ति या संगठन को भी उनकी गतिविधियों का दर्द महसूस जरूर करना चाहिए I जब तक उसे दर्द नहीं दिया जाएगा, तब तक वह हमें दिए जा रहे दर्द को देखकर आनंद उठाता रहेगा I
पठानकोट में हुए आतंकी हमले में शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हुए रक्षा मंत्री पर्रिकर ने कहा कि हमें अपने सात सैनिकों पर गर्व है, जिन्होंने राष्ट्र रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया I लेकिन हमारे सैनिकों की शहादत से मुझे तकलीफ हुई है I जब भी हमारे सैनिकों की मौत होते हैं, तब वह इस अवधारणा को सोचते हैं कि अपनी जान देने की बजाय हमारे सैनिकों को हमेशा अपने दुश्मन या दुश्मन की जान लेने के बारे में सोचना चाहिए I बलिदान हमेशा संदेह से परे है। लेकिन दुश्मन को बेअसर करने के लिए राष्ट्र को आपकी जरूरत है और सैनिकों को अपने ध्यान इसी लक्ष्य पर केंद्रित करना चाहिए I इस मौके पर रक्षा मंत्री ने चेन्नई में आई बाढ़ के दौरान सशस्त्र सेनाओं की राहत और बचाव कार्यों में निभायी गई भूमिका को भी सराहा I
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