रांची, 27 अप्रैल (जनसमा)। झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि झारक्राफ्ट को बढ़ावा देने के लिए झारखण्ड सरकार द्वारा खरीदे जाने वाले कम्बल, तौलिया, बच्चों की स्कूल ड्रेस, तकिया खोली आदि की खरीदारी अब झारक्राफ्ट के माध्यम से ही की जाएगी। साथ ही रांची के एच.ई.सी. क्षेत्र में 10 हजार वर्ग फीट में तथा देश के अन्य प्रमुख शहरों में इम्पोरियम खोलने की प्रक्रिया भी शुरु करें ताकि झारक्राफ्ट को बड़ा मार्केट मिल सके साथ ही झारखंड की कला का भी प्रचार प्रसार हो सके।
रघुवर दास बुधवार को अपने कार्यालय में झारक्राफ्ट द्वारा किए जा रहे कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने निर्देश दिया कि झारक्राफ्ट को प्रोफेशनल तरीके से चलाया जाए। राज्य सरकार द्वारा झारक्राफ्ट के उत्पादों की खरीददारी से झारक्राफ्ट को बड़ा मार्केट मिलेगा। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना तथा जन धन योजना से जुड़े लोगों को भी इससे जोड़ने का प्रयास किया जाये।
समीक्षा के दौरान जानकारी दी गई कि कम्बल, ड्रेस आदि पर ‘मेक इन झारखण्ड’ के साथ झारक्राफ्ट का लोगो भी रहेगा। इस कार्य हेतु राज्य के लगभग 26 हजार महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप को जोड़ा जायेगा। उन्हें कौशल विकास के तहत प्रशिक्षण दिया जायेगा। इससे उन्हें रोजगार भी मिल जाएगा और झारक्राफ्ट को स्थापित करने में मदद मिलेगी।
इससे पहले झारक्राफ्ट के प्रबंध निदेशक ए.के. सिंह ने बताया कि राज्य में 133 कॉमन फैसिलिटी सेंटर बने हुए हैं, जिनमें धागे तैयार होते हैं। इनमें से अभी 23 ही कार्यरत हैं। आने वाले तीन माह में 38 और शुरू हो जाएंगे। इनमें 10 नये सेंटर होंगे। इसके अलावा एक साल में सभी सेंटरों को शुरू करने का लक्ष्य है। एक सेंटर से 30 महिलाएं जुड़ी होती हैं।
उन्होंने बताया कि राज्य के 35 कलस्टर में 2458 हैंडलूम हैं। इनमें से 832 कार्यरत हैं। आनेवाले तीन माह में और 407 हैंडलूम शुरू करने का लक्ष्य है। झारक्राफ्ट की अपनी डाइंग यूनिट दो माह में चालू हो जायेगी।
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