नई दिल्ली, 29 फरवरी (जनसमा)। केन्द्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि 5 लाख रुपए तक की आय वाले व्यक्तियों पर कर का बोझ कम करने की दृष्टि से धारा 87 ए के अंतर्गत कर छूट की अधिकतम सीमा 5,000 रुपए तक बढ़ाकर और धारा 80 जीजी के तहत मकान किराए के भुगतान के संबंध में कटौती की सीमा 60,000 रुपए प्रतिवर्ष करके मध्यववर्गीय करदाताओं को राहत प्रदान की गई हैं।
उन्होंने बताया कि अनुमान पर आधारित कराधान योजना के अंतर्गत टर्नओवर सीमा को 2 करोड़ रुपए तक बढ़़ाते हुए उदयमिता को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत 1.8 लाख करोड़ रुपए के ऋण वितरित करने का लक्ष्य है और स्टार्टअप्स के लिए 5 में से तीन वर्षो के लिए 100 प्रतिशत कटौती उपलब्ध कराना भी प्रस्ताव में शामिल है।
विकास और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के उपाय के अंतर्गत, जेटली ने कहा कि आयकर अधिनियम में उपबंधित त्वरित अवमूल्यन को 1 अप्रैल 2017 से अधिकतम 40 प्रतिशत तक सीमित कर दिया जाएगा। अनुसंधान कार्य हेतु कटौतियों के लाभ 1 अप्रैल, 2017 से अधिकतम 150 प्रतिशत और 1 अप्रैल 2020 से अधिकतम 100 प्रतिशत तक कर दिए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि कारपोरेट कर-दर में कटौती को चरणबद्ध रूप से समाप्त किए जा रहे प्रोत्साहनों से मिलने वाले प्रत्याशित अतिरिक्त राज्स्व के अनुसार निर्धारित किया जाना है।
उन्होंने 1 मार्च 2016 को या इसके बाद निगमित होने वाली नई विनिर्माणकारी कंपनियों को 25 प्रतिशत + अधिभार और उपकर की दर से कराधान का विकल्प उपलब्ध कराने का प्रस्ताव किया यदि वे लाभ संबद्ध या निवेश संबद्ध कटौतियों का दावा नहीं करती तथा निवेश छूट और त्वरित अवमूल्यन का लाभ नहीं उठाती।
जेटली ने कहा कि अपेक्षाकृत छोटे उदयमों अर्थात ऐसी कंपनियां जिनका टर्नओवर 5 करोड़़ रूपए से अधिक न हो (मार्च 2015 को समाप्त वित्त वर्ष के दौरान) उनके लिए आगामी वित्त वर्ष के दौरान कारपोरेट की दर को घटाकर 29 प्रतिशत +अधिभार और उपकर किया जाए।
अरुण जेटली ने कहा कि स्टार्ट अप व्यवसाय रोजगार सृजित करते हैं, नवोन्मेष लाते हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि मेक इन इंडिया कार्यक्रम में ये प्रमुख भूमिका निभाएंगे। वित्त मंत्री ने अप्रैल 2016 से मार्च 2019 के दौरान, प्रचालन आरंभ करने वाले स्टार्ट अप्स को पांच वर्षों में से तीन वर्षों तक अर्जित किए गए लाभ पर सौ प्रतिशत कर कटौती का लाभ देकर व्यवसाय को बढ़ावा देने में मदद का प्रस्ताव दिया।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सीमा एवं उत्पाद शुल्क से जुड़ा ढांचा ‘मेक इन इंडिया’ अभियान की दिशा में घरेलू मूल्यवर्धन को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने अनेक खास कच्चे माल, मध्यवर्ती वस्तुओं एवं कलपुर्जों और कुछ अन्य विशेष वस्तुओं पर देय सीमा एवं उत्पाद शुल्क में उपयुक्त बदलाव करने और प्रक्रियाओं को सरल बनाने का प्रस्ताव किया है, ताकि विभिन्न क्षेत्रों में घरेलू उद्योग की लागत घटाई जा सके और प्रतिस्पर्धी क्षमता बेहतर की जा सके। इन क्षेत्रों में सूचना प्रौद्योगिकी हार्डवेयर, पूंजीगत सामान, रक्षा उत्पादन, कपड़ा, खनिज ईंधन एवं खनिज तेल, रसायन व पेट्रोरसायन, कागज, पेपरबोर्ड व न्यूजप्रिंट, विमानों का रख-रखाव व मरम्मत, जहाज मरम्मत इत्यादि शामिल हैं।
पेंशन प्राप्त समाज की ओर बढ़ने के उपायों के तहत, अरूण जेटली ने राष्ट्रीय पेंशन स्कीम के मामले में सेवानिवृत्ति के समय निधि से 40 प्रतिशत आहरण को करमुक्त करने का प्रस्ताव किया। अधिवर्षिता निधियों और ईपीएफ सहित मान्यता प्राप्त भविष्य निधियों के मामलें में 1 अप्रैल 2016 के पश्चात किए गये अंशदानों से सृजित निधियों के संबंध में भी 40 प्रतिशत के कर-मुक्त होने का वही मानदंड लागू होगा। इसके अतिरिक्त, उन्होंने कर छूट का लाभ लेने के लिए मान्यता प्राप्त भविष्य और अधिवर्षिता निधियों में नियोक्ता के अंशदान की मौद्रिक सीमा 1.5 लाख रुपए प्रतिवर्ष करने का प्रस्ताव भी किया।
सस्ते आवास निर्माण को बढ़ावा देने के उपाय के तहत, वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना समयबद्ध तरीके से सभी और विशेषकर गरीबों की आवासीय जरूरतों का समाधान करने के लिए सरकार के आश्वासन का साकार रूप है। उन्होंने कहा कि जून, 2016 से मार्च 2019 तक अनुमोदित किए जाने वाले और अनुमोदन के तीन वर्ष के भीतर चार मेट्रो शहरों में निर्मित किए जाने वाले 30 वर्ग मीटर के फ्लैटों और अन्य शहरों में 60 वर्गमीटर तक के फ्लैटों हेतु आवास निर्माण परियोजना शुरू करने वाले उपक्रमों को लाभों से सौ प्रतिशत कटौती देने का प्रस्ताव किया। हालांकि इन उपक्रमों पर न्यूनतम एकांतर कर लागू होगा।
पहली बार मकान खरीदने वालों के लिए वित्त मंत्री ने अगले वित्त वर्ष के दौरान स्वीकृत 35 लाख रुपये तक के ऋणों हेतु 50 हजार रुपये प्रतिवर्ष के अतिरिक्त ब्याज के लिए कटौती देने का प्रस्ताव किया, बशर्ते मकान की कीमत 50 लाख रुपये से ज्यादा न हो। उन्होंने कहा कि सरकारी निजी भागीदारी वाली स्कीमों सहित केन्द्रीय या राज्य सरकार की किसी स्कीम के तहत 60 वर्गमीटर तक के क्षेत्र में सस्ते मकानों के निर्माण को सेवा कर से छूट दी जाएगी।
देश में शहरों में प्रदूषण और यातायात की स्थिति के मद्देनजर वित्तमंत्री ने पेट्रोल, एलपीजी, सीएनजी की छोटी कारों पर एक प्रतिशत, कतिपय क्षमता वाली डीजल कारों पर 2.5 प्रतिशत और अधिक इंजन क्षमता वाले अन्य वाहनों और एसयूवी पर 4 प्रतिशत अवसंरचना उपकर लगाने का प्रस्ताव रखा।का’।
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