टोक्यो के एक मंदिर में रखे बोस के अवशेष

कोलकाता, 23 जनवरी। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज के साथ घनिष्ठ संबंध रखने वाले जापानी सैन्य खुफिया अधिकारी जनरल इवाईची फुजीवारा ने भारत सरकार को 1979 में टोक्यो के एक मंदिर में रखे बोस के राख को संरक्षण में लेने और उसकी देखभाल करने को कहा था। उन्हें तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने जवाब दिया था कि वे इस मामले को अगले एक-दो साल में देखेंगे।

यह जानकारी नेताजी के 119वें जन्मदिन पर उनसे जुड़े फाइलों के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सार्वजनिक करने से सामने आई है।

9 मार्च, 1979 को टोक्यो से भेजे गए पत्र में जनरल फुजीवारा ने भारतीय प्रधानमंत्री को उनकी बात सुनने के लिए आभार व्यक्त किया, जिसमें उन्होंने मंदिर से नेताजी के राख को संरक्षण में लेने की बात कही थी।

उन्होंने अपने पत्र में लिखा था, “आपके इस आश्वासन कि आप इस मामले को अगले एक-दो साल में देखेंगे, मेरे लिए काफी खुशी की बात है। क्योंकि मैंने अपना सारा जीवन नेताजी बोस और इंडियन नेशनल आर्मी के लिए समर्पित कर दिया।”

जनरल फुजीवारा भारत-जापान के बीच संबंध को आगे बढ़ाने के लिए काम करते रहे। उन्होंने उस पत्र में लिखा था, “मैंने अपना बाकी जीवन भारत और जापान के बीच दोस्ती के रिश्ते को आगे बढ़ाने के लिए समर्पित कर दिया है।”

-एजेंसी