वाशिंगटन, 25 सितम्बर | अमेरिका में ताजा चुनावी सर्वेक्षण से पता चला है कि राष्ट्रपति पद के चुनाव में हिलेरी क्लिंटन और डोनल्ड ट्रंप के बीच राष्ट्रीय स्तर पर कांटे के मुकाबले की स्थिति पैदा हो गई है, जिसके कारण राष्ट्रपति पद की पहली बहस को लेकर दांव आश्चर्यजनक रूप से बढ़ गया है। एबीसी न्यूज-वाशिंगटन पोस्ट द्वारा शनिवार को जारी ताजा चुनावी सर्वेक्षण में कहा गया है कि 74 प्रतिशत अमेरिकियों ने बहस देखने की योजना बनाई है, जबकि 10 में से आठ लोगों ने कहा है कि वे अपना मन नहीं बदलेंगे। इससे दोनों बड़ी पार्टियों के उम्मीदवारों के बीच बढ़ती कांटे की टक्कर में संतुलन बिगड़ने की गुंजाइश काफी बढ़ गई है।
कुल मतदाताओं में से 44 प्रतिशत संभावित मतदाताओं ने कहा कि वे ट्रंप के पक्ष में मतदान करेंगे, जबकि 46 प्रतिशत ने क्लिंटन को पसंद किया है। एबीसी/पोस्ट के प्रथम सर्वेक्षण में भी इतने ही मतदाताओं ने क्लिंटन का समर्थन किया था।
दोनों उम्मीदवारों के बीच दो प्रतिशत का अंतर बहुत मायने नहीं रखता है, क्योंकि यह सर्वेक्षण के दौरान त्रुटियों के कारण भी हो सकता है।
इससे पहले अगस्त महीने के सर्वेक्षण में क्लिंटन को आठ प्रतिशत की बढ़त मिली थी।
एनबीसी/वाल स्ट्रीट जर्नल के सर्वेक्षण में क्लिंटन को 43 प्रतशत और ट्रंप को 37 प्रतिशत संभावित मतदाताओं ने समर्थन किया था।
शनिवार के सर्वेक्षण के अनुसार, ट्रंप का भाग्य उनके कट्टर समर्थकों पर निर्भर है, जिनमें ऐसे श्वेत लोग हैं जिनके पास कॉलेज की चार वर्षीय डिग्री नहीं है और आर्थिक रूप से तंग तथा सामाजिक व राजनीतिक रूप से रूढ़िवादी समूह हैं।
इस समूह के बीच ट्रंप और क्लिंटन के बीच 76-17 प्रतिशत का अंतर है और ट्रंप को 59 प्रतिशत की बढ़त हासिल है।
इस बीच कॉलेज शिक्षित श्वेत महिलाओं के बीच क्लिंटन को 25 प्रतिशत की बढ़त हासिल हुई है। इस समूह में ट्रंप को 32 प्रतिशत संभावित मतदाताओं ने समर्थन किया है, जबकि क्लिंटन के पक्ष में 57 प्रतिशत मतदाता हैं। इस माह के शुरू में कॉलेज शिक्षित श्वेत महिलाओं के बीच क्लिंटन को केवल 10 प्रतिशत बढ़त हासिल थी।
खास बात यह है कि 59 प्रतिशत अमेरिकी ट्रंप को नकारात्मक ढंग से देखते हैं, जबकि 55 प्रतिशत क्लिंटन के बारे में भी इसी तरह की राय रखते हैं। दोनों में से कोई भी उम्मीदवार ईमानदार और भारोसेमंद नहीं माने गए।
हालांकि आधा से कम 45 प्रतिशत अमेरिकियों ने ट्रंप को ईमानदार और भरोसेमंद माना, लेकिन इस मुद्दे पर उनसे कम 36 प्रतिशत ने क्लिंटन का समर्थन किया। –आईएएनएस
(फाइल फोटो)
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