भुबनेश्वर, 27 मार्च (जनसमा)। देश में हर साल लगभग एक लाख बच्चे रोटावायरस डायरिया के कारण मरते हैं तथा सालाना 9 लाख बच्चे अतिसार के कारण अस्पतालों में भर्ती होते हैं। रोटावायरस टीके के राष्ट्रीय शुभारंभ के अवसर पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे पी नड्डा ने कहा यह हमारे लिए ऐतिहासिक दिन है।
टीके का शुभारंभ करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 1985 में शुरू किया गया भारत का सार्वभौमिक प्रतिरक्षण कार्यक्रम दुनिया के सबसे बड़े प्रतिरक्षण कार्यक्रमों में से एक है और स्वास्थ्य क्षेत्र में देश में बड़ा कदम है। शुरुआत में इस टीके को चार राज्यों में प्रारंभ किया जा रहा है- आंध्र प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश एवं ओडीशा और क्रमवार ढंग से पूरे देश में शुरू किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि रोटावायरस टीका हमें समस्या के सीधे समाधान की क्षमता एवं अतिसार से होने वाली मौतों को रोकने की काबिलियत प्रदान करेगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार का लक्ष्य टीकों के माध्यम से रोकी जा सकने वाली बीमारियों से देश के बच्चों का अधिकतम रक्षण करना है। इस नजरिये से मंत्रालय ने दिसम्बर 2014 में टीकाकृत या आंशिक रूप से टीकाकृत बच्चों के पूर्ण प्रतिरक्षण हेतु ‘मिशन इंद्रधनुष’ शुरू किया था।
मिशन इंद्रधनुष के तहत अप्रेल 2015 से जुलाई 2015 एवं अक्टूबर 2015 से जनवरी 2016 के बीच दो चरणों में 20 लाख प्रतिरक्षण सेशन में कुल 1 करोड़ 42 लाख बच्चों और 36.7 लाख महिलाओं का टीकाकरण किया गया।
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