डिजिटल और टेक समाधानों के लिए सरकार ने सफलातपूर्वक एक बड़ा बाजार तैयार कर लिया है और प्रौद्योगिकी को अपनी हर योजना का मुख्य हिस्सा बनाया है।
यह जानकारी देते हुए बेंगलुरु टेक समिट में आज 19 नवंबर, 2020 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि इंटरनेट का प्रवेश भारत में करीब 25 साल पहले हुआ था।
देश में हाल में इंटरनेट कनेक्शन्स की संख्या 750 मिलियन को पार कर गई है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इनमें से आधे कनेक्शन पिछले सिर्फ चार साल में जुड़े हैं।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने डाटा एनेलिटिक्स की ताकत का इस्तेमाल कर बेहतर सेवा और कुशलता सुनिश्चितकी है।
एक रिपोर्ट के अनुसार हमारी योजनाओं के फाइलों से निकल कर लागू हो पाने और लोगों के जीवन में इतनी तीव्र गति से और इतने बड़े पैमाने पर बदलाव आ पाने की मुख्य वजह प्रौद्योगिकी ही है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि औद्योगिक युग की उपलब्धियां अब बीते समय की बात हो गई हैं। अब हम सूचना युग के मध्य में हैं। भविष्य तेजी से हमारी ओर बढ़ रहा है इसलिए हमें पिछली सदी की सोच को जल्दी से जल्दी छोड़ना होगा।
उन्होंने कहा कि औद्योगिक युग में, सीमाओं का महत्व था, लेकिन सूचना युग में हम सीमाओं से परे चले जाते हैं। औद्योगिक युग में कच्चे माल को प्राप्त करना मुख्य चुनौती थीऔर केवल कुछ ही लोगों की इस तक पहुंच थी। सूचना युग में कच्चा माल, जो कि सूचना है, हमारे सामने हर जगह है और हर किसी की उस तक पहुंच है।
मोदी ने कहा कि हम फिजिकल से डिजिटल कन्वर्जेंस को प्रौद्योगिकी के बेहतर इस्तेमाल से निश्चितरूप से हासिल कर अपने अनुभव को बेहतर बना सकते हैं। हम टेक टूल्स को भविष्य में इस्तेमाल करने वालों के ज्यादा अनुरूप बना सकते हैं।
मोदी ने कहा कि हमारे पास श्रेष्ठ प्रतिभाएं हैं और साथ ही एक बहुत बड़ा बाजार है। हमारे स्थानीय टेक समाधानों में वैश्विक होने की संभानाएं हैं। भारत एक बहुत ही माकूल जगह पर है। आज के समय जो टेक समाधान भारत में डिजाइन होते हैं, वे पूरे विश्व में लागू होते हैं।
उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी के बढ़ते इस्तेमाल से आंकड़ों का संरक्षण और साइबर सुरक्षा भी बहुत महत्वपूर्ण हो गई है। हमारे युवा ठोस साइबर सुरक्षा समाधान तैयार कराने की दिशा में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। इन समाधानों से तैयार डिजिटल उत्पादों का इस्तेमाल साइबर हमलों और विभिन्न वायरसों के प्रभाव को समाप्त करने के लिए किया जा सकता है।
मोदी ने कहा कि उत्पाद स्तर की परम्परागत सोच का मतलब होता कि हम सिर्फ एक डिजिटल भुगतान कर उत्पाद लेकर आते। इसकी जगह हमने भारत को यूपीआई दिया। एक ऐसा समाधान जहां हर व्यक्ति उत्पादों के डिजिटल भुगतान कर सकता है।
उन्होंने कहा कि अगर भारत विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य देखभाल योजना ‘आयुष्मान भारत’का सफलतापूर्वक परिचालन कर पा रहा है, तो इसमें भी प्रौद्योगिकी की बहुत बड़ी भूमिका है। इस योजना ने खासतौर से देश के गरीब तबके को मदद पहुंचाई है। अब उन्हें भारत के किसी भी हिस्से में उच्चस्तरीय और वहन योग्य चिकित्सा सुविधा पाने को लेकर कोई चिंता नहीं रही है।
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