नई दिल्ली, 27 अक्टूबर | दिल्ली-नोएडा-डायरेक्ट (डीएनडी) फ्लाइवे को टोल फ्री करने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली नोएडा टोल ब्रिज कंपनी की याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय शुक्रवार को सुनवाई करेगा। न्यायालय के इस फैसले से निवेशक कंपनी से अपना हाथ खींचने लगे हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान द्वारा याचिका की जल्द सुनवाई की अपील के बाद न्यायमूर्ति अनिल आर.दवे की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय एक पीठ ने गुरुवार को आदेश पारित किया।
उच्च न्यायालय का आदेश साल 2012 में फेडरेशन ऑफ नोएडा रेसिडेंट्स वेल्फेयर एसोसिएशन द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के दौरान आया है। याचिका में नोएडा टोल ब्रीज कंपनी लिमिटेड द्वारा यूजर फीस के नाम पर लिए जा रहे टोल को चुनौती दी गई थी।
कंपनी के शेयर की कीमत लगभग 20 फीसदी गिरावट के साथ 17.85 रुपये तक पहुंच गई, जबकि यह 22.30 रुपये पर बंद हुई थी।
कंपनी का गठन स्पेशल पर्पज व्हीकल के रूप में इंफ्रास्ट्रक्चर लिजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (आईएलएंडएफएस) तथा नोएडा अथॉरिटी के बीच समझौते के परिणामस्वरूप हुआ था।
शेयर बाजार में सूचीबद्ध देश की यह एकमात्र सड़क है। यह घरेलू बाजार तथा लंदन के एआईएम बाजार में भी सूचीबद्ध है।
आईएलएंडएफएस ट्रांसपोर्ट्रेशन नेटवर्क्स के शेयर की कीमत 2.85 फीसदी गिरकर 110.50 रुपये हो गई है।
टोल कर की वसूली बुधवार शाम से ही बंद है, लेकिन दिल्ली परिवहन निगम अपनी बसों में नोएडा यात्रा करने वाले यात्रियों से टोल टैक्स वसूलना जारी रखे हुए है।
डीटीसी के उप मुख्य महाप्रबंधक अनुज सिन्हा ने आईएएनएस को बताया, “टोल टैक्स बंद करने के लिए हमें कोई आधिकारिक विज्ञप्ति नहीं मिली है।”
डीटीसी बस के कंडक्टर ने कहा कि उन्हें अभी तक टोल टैक्स वसूलना बंद करने का आदेश नहीं मिला है।
डीएनडी फ्लाइवे साल 2001 में शुरू हुआ था। नौ किलोमीटर लंबी सड़क 407 करोड़ रुपये की लागत से बनी है और माना जाता है कि वह पहले ही दो हजार करोड़ रुपये वसूल चुकी है।
वर्तमान में दो पहिया वाहनों से 12 रुपये, जबकि चार पहिया वाहनों से 28 रुपये वसूले जाते हैं।
बार-बार प्रयास करने के बावजूद मुद्दे पर टिप्पणी के लिए एनटीबीसीएल का कोई अधिकारी उपलब्ध नहीं हो पाया।
टोल वसूली बंद करने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले का यात्रियों ने स्वागत किया।
एमिटी यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर साक्षी तंवर ने कहा, “इसमें कोई संदेह नहीं है कि टोल वसूली न होने से दिल्ली से नोएडा का सफर टोल देने के लिए वाहनों की कतार न होने की वजह से आसान होगा, लेकिन इससे दिल्ली में घुसते ही भारी ट्रैफिक एक नई समस्या बन गई है। कार व अन्य वाहन डीएनडी से दनदनाते हुए निकले, लेकिन दिल्ली पहुंचने पर अपने गंतव्य तक पहुंचने में उन्हें घंटों लगे। बुधवार को ग्रीन पार्क पहुंचने में दो घंटे लगे।”
रोजाना यात्रा करने वाले एक और यात्री जोहराब हुसैन ने आईएएनएस से कहा, “मूलचंद स्थित अपने कार्यालय पहुंचने से पहले मैं तीन घंटे तक जाम में फंसा रहा। डीएनडी की कुछ सकारात्मक प्रभाव भी है, खासकर वाहनों की आवाजाही के नियंत्रण में।”
विशेषज्ञों ने कहा है कि शहर में यातायात की समस्या और बिगड़ेगी, क्योंकि डीएनडी की नोएडा से दिल्ली या दिल्ली से नोएडा में वाहनों की आवाजाही के नियंत्रण में भूमिका है।
सड़क सुरक्षा प्रशिक्षक तथा कंसल्टेंट अमित खत्री ने आईएएनएस से कहा कि टोल वसूली खत्म होने से भारी जाम की समस्या पैदा होने जा रही है, क्योंकि अब हर तरह के वाहन दिल्ली से नोएडा या नोएडा से दिल्ली जाने के लिए डीएनडी का इस्तेमाल करेंगे।
यह पूछे जाने पर कि उच्च न्यायालय के आदेश के बाद डीएनडी पर यातायात का नियंत्रण किस प्रकार किया जाए, जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि डीएनडी पर टोल की वसूली की इस्तेमाल इसके रख-रखाव के लिए किया जाए।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के बुधवार के एक आदेश के बाद डीएनडी टोल फ्री हो गया है।
निजामुद्दीन ब्रिज तथा ओखला बैराज के अलावा, डीएनडी फ्लाइवे नोएडा तथा दिल्ली के बीच सबसे व्यस्त मार्ग है।
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